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बिजनेस

टाटा संस बोर्ड में नए सदस्य की नियुक्ति

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नई दिल्ली| टाटा संस लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि उसने अपने बोर्ड में बतौर गैर कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक दो सदस्यों की नियुक्ति की है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कार्टिका की निवेश समिति की सदस्य और निवेश कंपनी आईएफसी के प्रबंधन समूह की पूर्व सदस्य फरीदा खंबाटा तथा अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत रोनेन सेन बोर्ड में शामिल हुए हैं।

बयान में कहा गया है, “खंबाटा कार्टिका की वैश्विक रणनीतिकार और उसकी निवेश समिति की सदस्य है। कार्टिका से जुड़ने से पहले वह आईएफसी के प्रबंधन समूह की सदस्य थीं। वह वैश्विक स्तर पर सभी शेयर निवेश और खास कर कृषि कारोबार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निवेश पर नजर रखती थीं।”

सेन 2004 से 2009 तक अमेरिका में भारतीय राजदूत थे। इससे पहले 2002 से 2004 तक वह मेक्सिको, रूस और जर्मनी में भी राजदूत रह चुके थे और ब्रिटेन तथा नॉर्दर्न आयरलैंड में उच्चायुक्त रह चुके थे।

बयान के मुताबिक, “वह 1986 से 1991 तक विभिन्न प्रधानमंत्रियों के विदेश और रक्षा नीति सलाहकार थे। वह छह महादेशों में करीब 180 द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सम्मेलनों में हिस्सा ले चुके हैं।”

सेन 2010-2012 तक टाटा मोटर्स लिमिटेड के बोर्ड में भी गैर कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक रह चुके हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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