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प्रादेशिक

पर्चे पर चर्चा : मोदी की राह चले नीतीश

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पटना| बिहार विधानसभा चुनाव में अभी काफी समय है, परंतु सतारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है। प्रचार को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। पिछले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के ‘चाय पर चर्चा’ की तर्ज पर जद (यू) ने बुधवार से ‘पर्चे पर चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत पार्टी ने 24 जून से 30 जून तक राज्य के 35 हजार से ज्यादा गांवों में संपर्क साधने की योजना बनाई है।

जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पटना के चीनाकोठी से इस कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि राज्य में कानून का राज है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के विकास के लिए केन्द्र सकार का सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने केन्द्र सरकार पर बिहार की योजनाओं में धनराशि कटौती करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने ‘पर्चे पर चर्चा’ कार्यक्रम के विषय में कहा कि करीब एक घंटे के इस आयोजन में चौपाल पर पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथ में पर्चा होगा, जिस पर नीतीश सरकार की उपलब्धियां अंकित होंगी। एक दिन में करीब 5,340 गांवों तक तथा सात दिनों में 35 हजार गांवों तक पहुंचने की योजना है।

उन्होंने बताया कि पर्चे पर सुशासन, महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में किए गए कार्य, पंचायती राज व्यवस्था में अति पिछड़ों और महिलाओं के आरक्षण सहित कई उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी गई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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