प्रादेशिक
बिहार की राजनीति में ‘दामाद’ हो रहे नाराज!
पटना। आमतौर पर रिश्ते में ‘दामाद’ बात-बात पर नाराज होने के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन अगर यह रिश्ता राजनीति में भी नाराजगी के तौर पर दिखे तो आश्चर्य होना लाजिमी है। बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘दामादों’ की नाराजगी का सिलसिला जारी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्य घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु की टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी अभी दूर भी नहीं हुई थी कि हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के दामाद भी नाराज हो गए हैं।
पासवान के दामाद साधु ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि लोजपा में पैसे लेकर टिकट बांटे गए हैं। साधु ने रामविलास के बेटे और लोजपा सांसद चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा, “चिराग अहंकार में डूबे हुए हैं। वह बिहार के बेटे नहीं, फ्लॉप ‘हीरो’ हैं।” कहा जाता है कि साधु कुटुंबा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को वहां से टिकट दे दिया गया। साधु के नाराजगी भरे अल्फाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “पासवान पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं। उन्होंने चुनाव में राजग के विरोध में प्रचार करने की भी घोषणा की है।”
चिराग हालांकि इस मामले को परिवार में ही सुलझाने की बात कहते हैं। चिराग का कहना है कि यह पारिवारिक मामला है और घर में बड़े सदस्य मिल-बैठकर मसले को सुलझा लेंगे। इधर, हम के प्रमुख मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी भी टिकट न मिलने से नाराज हो गए हैं। वह कहते हैं कि वह 1995 से राजनीति में हैं, फिर भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
वहीं सत्ता की इस लड़ाई में अब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ उनके दामाद तेज प्रताप सिंह यादव भी कूदते नजर आ रहे हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद तेज प्रताप भी बिहार में चुनाव प्रचार करने आएंगे। ऐसे में यह तय है कि तेज प्रताप अपने ससुर लालू प्रसाद और अपने साले तेजस्वी के खिलाफ बोलते नजर आएंगे।
सपा पहले सत्तारूढ़ महागठबंधन से जुड़कर बिहार चुनाव में उतरने जा रही थी, लेकिन पार्टी को महज तीन सीटें मिलने से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नाराज हो गए। उल्लेखनीय है कि सपा इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), समरस समाज पार्टी और समाजवादी जनता दल (राष्ट्रीय) के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। इस गठबंधन में सपा को सबसे अधिक 85 सीटें दी गई हैं। राज्य में 12 अक्टूबर से शुरू होने वाले चुनाव में जनता दल (युनाइटेड), राजद और कांग्रेस महागठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इनका मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले राजग, छह वामपंथी दलों के मोर्चा और सपा गठबंधन से है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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