Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

बॉलीवुड व बांग्ला फिल्में कथानक में एक जैसी : सृजित मुखर्जी

Published

on

Loading

अपनी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘चतुष्कोण’ को दिवंगत फिल्मकार रितुपर्णो घोष और अपनी फिल्म के निर्माण से जुड़ी टीम के सदस्यों को समर्पित करने वाले फिल्म निर्देशक सृजित मुखर्जी बांग्ला भाषा में बनने वाली फिल्मों और हिंदी फिल्मों के कथानक (विषय-वस्तु) में कोई फर्क नहीं मानते।

मुखर्जी को 2014 के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्दशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के निर्णायक मंडल ने मुखर्जी की फिल्म ‘चतुष्कोण’ को ‘सिनेमाई भाषा की बेहद सूझबूझ भरी अभिव्यक्ति’ प्रशंसा की।

मुखर्जी को उनकी इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ मौलिक पटकथा लेखक भी घोषित किया गया।

मुखर्जी ने आईएएनएस से कहा कि विषय-वस्तु दोनों भाषाओं की फिल्मों में मुख्य समानता है..मुझे नहीं लगता कि अब उसमें कोई अंतर रह गया है।

आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में मुखर्जी ने कहा, “अगर आप राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और लोकप्रियता की बात कर रहे हैं तो आपको यह देखना होगा कि कैसे बांग्ला सिनेमा राष्ट्रीय फलक से धीरे-धीरे ओझल हुआ, हालांकि यह अंतर या भेदभाव समय के साथ अब खत्म हो चुका है।”

विशाल भारद्वाज निर्देशित हिंदी फिल्म ‘हैदर’ को जहां पांच राष्ट्रीय पुरस्कार मिले और कंगना रानौत अभिनीत ‘क्वीन’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला और इसी फिल्म के लिए कंगना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया। इन सबके बावजूद तमिल और बांग्ला फिल्में भी राष्ट्रीय पुरस्कारों में अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहीं।

किसी निर्देशक की पहली फिल्म को दिए जाने वाला पुरस्कार भी एक बांग्ला फिल्म को ही मिला। आदित्य विक्रम सेनगुप्ता को 2014 में उनकी पहली निर्देशित फिल्म ‘आशा जोर माझे’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया, जबकि ‘छोतोदेर छोबि’ को सामाजिक मुद्दे पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।

मुखर्जी कहते हैं, “चुर्नी गांगुली, सेनगुप्ता जैसे युवा बिल्कुल नए विचारों के साथ आ रहे हैं, जो बांग्ला सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।”

मुखर्जी ने 2010 में ‘ऑटोग्राफ’ के साथ निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा और उनकी पहली ही फिल्म न सिर्फ शानदार कारोबार करने में सफल रही, बल्कि फिल्म समालोचकों द्वारा उसे खूब सराहना भी मिली।

मुखर्जी अब तक ‘बाइसे स्राबोन’, ‘हेमलोक सोसायटी’, ‘मिशावर रहस्यो’, ‘जातिश्वरा’ और ‘चतुष्कोण’ जैसी उम्दा फिल्में निर्देशित कर चुके हैं।

उनकी फिल्म ‘जातिश्वरा’ को पिछले वर्ष चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे।

मुखर्जी कहते हैं, “मैं कुछ अलग करने की कोशिश नहीं करता..मेरी फिल्में अलग हो जाती हैं। इसीलिए मैं खुद को दोहराना पसंद नहीं करता। मैं कहानी कहने की विभिन्न कलाओं का दीवाना हूं और इसके अलावा सीधी प्रस्तुति का भी।”

मनोरंजन

क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई

Published

on

Loading

मुंबई। टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी अपनी तीसरी ‘शादी’ को लेकर चर्चा में आ गई हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें लगातार वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखकर फैंस भी शॉक्ड हो गए। तस्वीरें वायरल करने के साथ ही दावा किया गया कि एक्ट्रेस ने अपने को-एक्टर और 8 साल छोटे एक्टर विशाल आदित्य सिंह के साथ शादी कर ली है। दरअसल, वायरल तस्वीरों में श्वेता तिवारी और विशाल दोनों शादी के जोड़े में नजर आए। दोनों ने गले में वरमाला पहनी हुई है। वहीं एक अन्य तस्वीर में एक्ट्रेस को शादी के बाद पहली रसोई परफॉर्म करते हुए देखा गया। इन वायरल शादी की तस्वीरों पर अब विशाल आदित्य सिंह ने खुद रिएक्ट किया है।

क्या बोले विशाल आदित्य सिंह?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशाल आदित्य सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान श्वेता तिवारी संग शादी की अफवाहों पर रिएक्ट करते हुए कहा, ‘इन खबरों में किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है। ऐसी खबरों से हमारे रिश्ते पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ेगा।’ विशाल ने आगे कहा, ‘सच कहूं तो जिस वक्त मैंने इन तस्वीरों को देखा था, मुझे हंसी आ गई। मैं इसके अलावा और कर ही क्या सकता था?’जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें अच्छी तरह से पता है कि मैं उन्हें मां कहकर बुलाता हूं। हमारा बॉन्ड इतना शानदार और मजबूत है कि ऐसी चीजें मुझे बिल्कुल भी परेशान नहीं करती हैं। बस ऐसी चीजें देखकर मुझे हंसी आ जाती है।’

 

 

 

 

 

 

Continue Reading

Trending