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सामरिक से पहले रणनीतिक घेराबंदी करना जरूरी : प्रेम शुक्‍ला

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Prem shuklaलखनऊ। पाकिस्‍तान ने भारत के सहिष्णुता की परीक्षा ली है। उस परीक्षा का परिणाम यह रहा कि जो लोग 70 वर्षों तक शासन में रहकर पाकिस्‍तान पर कार्रवाई नहीं कर पाए वो आज कार्रवाई की बात कर रहे हैं, यह बहुत सकारात्‍मक संकेत हैं।

उपरोक्‍त बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्‍ता प्रेम शुक्‍ला ने आज की खबर को दिए एक एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में कहीं।

लखनऊ में आयोजित शौर्य अवार्ड 2016 में शिरकत करने आए प्रेम शुक्‍ला ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सामरिक घेराबंदी करने से पहले उसकी रणनीतिक घेराबंदी करनी पड़ती है। भारत सरकार की इसी रणनीतिक घेराबंदी का नतीजा है कि आज पाकिस्‍तान सार्क देशों के बीच भी अलग-थलग पड़ गया है लेकिन धृतराष्‍ट्र के पुत्रों को यह दिखाई नहीं देता।

1971 के युद्ध का हवाला देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मार्च 1971 में ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न हुई थी कि पाक हमले कर रहा है लेकिन उसका प्रतिकार दिसंबर में हो पाया। कांग्रेसियों का अपनी नेता इंदिरा गांधी का भी इतिहास याद नहीं है। सामरिक घेराबंदी मे वक्‍त लगता है।

1965 के युद्ध की नजीर देते हुए प्रेम शुक्‍ला ने कहा कि जब पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्राध्‍यक्ष जनरल अयूब से लंच पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की मुलाकात हुई तो अयूब ने पूछा कि आप हम पर हमला क्‍यों नहीं कर रहे हैं तब शास्‍त्री ने कहा था कि हम हमला करेंगे लेकिन वक्‍त भी हमारा होगा जगह भी हमारी होगी और विजय भी हमारी ही होगी। कांग्रेसियों को अपना ही इतिहास पढ़ने की जरूरत है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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