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मप्र : बालाघाट में खुद को ‘इंसान’ बना रही पुलिस !
बालाघाट | मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों के साथ भटके लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की पुलिस ने मुहिम शुरू की है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पुलिस के जवान व अधिकारी ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी न केवल समस्याएं सुनकर सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि उनसे आत्मीय व मधुर रिश्ते बनाने की जुगत में लगे हैं।
राज्य का बालाघाट वह जिला है, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां इन दोनों राज्यों के नक्सलियों ने अपनी घुसपैठ बना ली है। यहां की भौगोलिक स्थिति और सघन वन नक्सलियों के लिए मददगार सबित हो रहे हैं। वहीं भटके युवाओं का भी उन्हें साथ मिल रहा है।
ग्रामीणों के बीच नक्सलियों की घुसपैठ को कम करने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग का सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक जी. जनार्दन ने शनिवार को आईएएनएस को बताया है कि पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बसे लोगों से सीधे संवाद स्थापित करने के लिए उनसे सतत संपर्क की मुहिम छेड़ी है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पुलिस के जवान और अधिकारी पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुनते हैं और सुलझाने की कोशिश करते हैं। साथ ही उन्हें शिक्षित किया जा रहा है। पुलिस जहां एक ओर उन्हें सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है तो दूसरी ओर खेलकूद का सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
ग्रामीणों के बीच पहुंचने वाले पुलिस जवान व अफसर उन भटके हुए लोगों को भी मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहकावे में आकर गलत रास्ते पर चले गए हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि उनकी युवावस्था के समय का यह लोग किस तरह दोहन करते हैं और उम्र का ढलान आने पर उन्हें अपने से दूर कर देते हैं।
पुलिस के मुताबिक, जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत जन जागृति लाने, आम जनता व पुलिस के बीच और अधिक मधुर संबंध स्थापित करने तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्याओं से रू-ब-रू होने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पुलिस जनता संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बीते दिनों खेल सामग्री व कंबल का वितरण किया गया।
पुलिस एक ओर खेल सामग्री का वितरण कर इस क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति ललक पैदा करने के साथ उन्हें आपस में जोड़ना चाहती है, वहीं कंपकंपा देने वाली सर्दी के दौरान कंबल का वितरण कर पुलिस यह बताना चाह रही है कि वह उनकी मदद के लिए भी तत्पर है।
पुलिस महानिरीक्षक जनार्दन का मानना है कि सामुदायिक पुलिसिंग से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों में न केवल पुलिस के प्रति भरोसा पैदा होगा, बल्कि उन्हें इस बात का भी अहसास होगा कि कुछ लोग उन्हें बहकावे में लाकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं। इस मुहिम के सकारात्मक नतीजे सामने आने की पुलिस को पूरी उम्मीद है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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