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प्रादेशिक

मुख्यमंत्री शिवराज के भतीजे के रेत भरे डंपर पकड़े गए

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मुख्यमंत्री शिवराज के भतीजे के रेत भरे डंपर पकड़े गए

भोपाल | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए ‘नमामि देवी नर्मदे’ सेवा यात्रा निकाल रहे हैं तो दूसरी ओर उनसे जुड़े लोग वाहनों में क्षमता से अधिक (ओवर लोडेड) रेत का परिवहन करने में लगे हैं। खनिज विभाग ने शनिवार को सीहोर में ऐसे ही छह वाहनों को पकड़ा, जिनमें से चार वाहन मुख्यमंत्री के भतीजे के बताए जा रहे हैं।

खनिज विभाग के सूत्रों के अनुसार, सीहोर जिले के बुधनी (शिवराज का विधानसभा क्षेत्र) में नर्मदा नदी के चरुआ घाट से रेत भर कर आ रहे वाहनों की शनिवार को खनिज निरीक्षक रश्मि पांडे के नेतृत्व में एक दल ने जांच की। जांच के दौरान पता चला कि छह वाहनों में क्षमता से अधिक रेत थी। इन छह वाहनों में से चार डंपर के मालिक प्रद्युम्न सिंह चौहान हैं। प्रद्युम्न सिंह मुख्यमंत्री के भतीजा हैं।

खनिज अधिकारी एम.ए. खान ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि नर्मदा नदी से रेत भर कर जाने वाले वाहनों की नियमित जांच की जाती है। जांच के दौरान हर रोज वाहनों पर कार्रवाई होती हैं और इसी क्रम में शनिवार को भी छह वाहन पकड़े गए हैं। रॉयल्टी का भुगतान किए जाने के बाद इन सभी वाहनों में क्षमता से अधिक रेत मिली। सभी वाहनों को जब्त कर लिया गया है।

खनिज अधिकारी खान से जब पूछा गया कि पकड़े गए वाहनों में से चार डंपर प्रद्युम्न सिंह के बताए जा रहे हैं, क्या यह सच है तो उन्होंने डंपर मालिक की जानकारी होने से इनकार कर दिया।

‘नर्मदा बचाओ’ आंदोलन की मेधा पाटकर ने नर्मदा नदी से रेत का अवैध खनन सरकार के संरक्षण में होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे लगातार यह बात कहती आ रही हैं कि मुख्यमंत्री से जुड़े लोग ही इस काम में लगे हैं, अब तो खनिज विभाग द्वारा पकड़े गए क्षमता से अधिक रेत से भरे वाहनों से यह बात प्रमाणित हो गई है। वहीं सरकार उन लोगों को दबाने में लगी है जो इन अनैतिक कायरें के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

ज्ञात हो कि इन दिनों राज्य में नर्मदा नदी के संरक्षण का अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। अमरकंटक से 11 दिसंबर को शुरू हुई इस यात्रा में नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त कर दोनों तटों पर पौधरोपण की कवायद भी जारी है। नर्मदा किनारे से शराब की दुकानें बंद करने और नई दुकानें न खोलने के वादे भी किए गए हैं और अवैध खनन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास की बात कही जा रही है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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