उत्तराखंड
वन्य-जीवो से था इनको इतना लगाव, छोड़ दी आईएएस की नौकरी
‘आईएएस’ जिसे इस देश का सबसे कठिन पेपर कहा जाता है । इस पेपर को पास करने का हर एक बच्चा सपना देखता है पर इस सपने को सच कुछ ही कर पाते है। अगर हम कहे कि एक इंसान जिसने इस कठिन परीक्षा को कड़ी मेहनत के बाद पास किया तो लेकिन वन्य-जीवो, पशुओं की वजह से उसने इस सबसे कठिन पेपर के बाद मिली जॉब को छोड़ दिया तो आपको कैसा लगेगा? शायद आप हैरान हो जाएगें पर बात एकदम सच है।
दरअसल, 2000 में अपने दुसरे प्रयास से यूपीपीएससी परीक्षा में पांचवी रैंक हासिल करने वाले संजीव कुमार ने वन्य जीवो से लगाव होने के कारण अपनी आईएएस की नौकरी को अलविदा कह दिया।
जानवर , जंगल प्रेमी होने के कारण वह वाइल्ड लाइफ एडवेंचर से जुडें संजीव काब्रेट रिज़र्व एरिया और टाइगर के अलावा कई विषयों पर शोध भी कर चुके है। संजीव मूलरूप से गोरखपुर के है मगर परिवार काशीपुर, उत्तराखंड में रहता है।
संजीव की प्राराम्भिक परीक्षा काशीपुर में ही हुई थी इनटरमीडीएट के बाद सीपीएमटी पास किया मगर डॉकटरी की पढाई की जगह साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए।
वह बताते है कि, रिसर्च के लिए टाइगर उनका बेहद पसंददीदा जानवर है।
कई अवार्ड अपने नाम किए-
- संजीव कुमार ने सिविल परीक्षा मे 83वी रैंक हासिल ki थी और कई जिलों में तैनात भी रहे थे
- लगातार तबादले और एडवेंचर ki तलाश में डेढ़ साल बाद उन्होंने नौकरी ही छोड़ दी
- टाइगर पर शोध करने के बाद उन्हे बहुत से अवार्ड भी मिले
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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