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प्रादेशिक

विधायकी खत्म, अब जेल में पीसेंगे चक्की

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक कप्तान सिंह राजपूत और उनके भाई लक्ष्मण दास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यूपी की चरखारी सीट से विधायक कप्तान सिंह को ये सजा 12 साल पहले हुए एक हत्याकांड के सिलसिले में मिली है। उम्रकैद की सजा मिलते ही सपा विधायक की विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो गई। वह यूपी के पहले विधायक हैं जिन्हें कोर्ट से सजा मिलने पर अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है।

विधायक को उरई की अदालत ने 3 जनवरी को हत्या का दोषी माना था और उन्हें 5 जनवरी को ये सजा सुनाई गई। विधायक तीन जनवरी को ही विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए थे। 5 जनवरी को सजा सुनाते हुए स्पेशल जज ने विधायक और उनके भाई पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में विधायक व उनके भाई को जिला कारागार भेज दिया गया।

विधायक को विधानसभा की अपनी सदस्यता 10 जुलाई 2013 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार गंवानी पड़ी है। इस निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो साल से अधिक सजा मिलते ही जनप्रतिनिधि की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाएगी। अब जल्द ही विधानसभा में उनकी सीट खाली होने की सूचना घोषित होगी।

गौरतलब है कि चरखारी सीट से विधायक चुने गए कप्तान सिंह राजपूत केवल साढ़े तीन महीने ही विधायक रह सके। भाजपा नेता उमा भारती के इस्तीफे के बाद चरखारी सीट पर हुए उपचुनाव में कप्तान सिंह 16 सितंबर 2014 को विधायक चुने गए। वर्तमान हालात में 16वीं विधानसभा में चरखारी विधानसभा सीट पर तीसरी बार चुनाव होगा। पहली बार वर्ष 2012 में यहां चुनाव हुआ था तब उमा भारती ने जीत दर्ज की थी लेकिन उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ और कप्तान सिंह विधायक बने। ऐसे में अब फिर यह सीट खाली हो गई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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