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प्रादेशिक

विधेयक के खिलाफ बिजलीकर्मी करेंगे हड़ताल

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विधेयक के खिलाफ, बिजलीकर्मी करेंगे हड़ताल, नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लइज एंड इंजीनियर्स, शैलेंद्र दुबे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर देश के 12 लाख बिजली कामगार और इंजीनियर संसद के मानसून सत्र के दौरान एक दिन की हड़ताल करने की तैयारी में हैं। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे, अभियंता संघ के अध्यक्ष आर.के. सिंह व महासचिव डी.सी. दीक्षित ने बताया कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइस एंड इंजीनियर्स की ओर से प्रधानमंत्री, केंद्रीय बिजली मंत्री, केंद्रीय श्रम मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि नोटिस में लिखा गया है कि लोकसभा में जिस दिन इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2014 प्रस्तुत किया जाएगा, उसी दिन देश के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर एक दिन की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर ‘जनविरोधी विधेयक’ का प्रतिकार करेंगे।

शैलेंद्र दुबे ने बताया कि विधेयक के विरोध में प्रधानमंत्री और सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों को पहले ही पत्र भेजकर प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की जा चुकी है कि विधेयक को जल्दबाजी में पारित न किया जाए और बिजली की बेहतरी के लिए बिजली इंजीनियरों, कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं की इस बारे में राय ली जाए, लेकिन दुर्भाग्यवश कर्मचारियों के विरोध को दरकिनार कर विधेयक को लोकसभा के एजेंडे में शामिल कर लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में भारी गुस्सा है।

उन्होंने प्रस्तावित संशोधनों को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि ये संशोधन बिजली आपूर्ति के निजीकरण के लिए किया जा रहा है, जिसमें निजी घरानों के मुनाफे का खास ध्यान रखा गया है। टैरिफ में भारी वृद्धि कर यह आम जनता पर का बोझ डालने की तैयारी है। दुबे ने कहा कि मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला है, इसलिए देशभर में बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों को एलर्ट कर दिया गया है कि वे संसद के मानसून सत्र के दौरान एक दिन की हड़ताल के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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