हेल्थ
‘शांत मन से वाहन चालने’ के संदेश के साथ हुई बाइक रैली
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| विश्व मानसिक दिवस के सिलसिले में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता कायम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को बाइक रैली का आयोजन किया गया जिसमें 70 से अधिक मोटर साइकिल चालकों ने हिस्सा लिया।
हैरले डेविडसन, ड्काटी, केटीएम, कावासाकी, ट्राइम्प और रॉयल इनफील्ड जैसी मोटर बाइकों पर सवार इन वाइकरों ने राजधानी की विभिन्न सड़कों से गुजरते हुए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता कायम की।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के सिलसिले में इस मोटर बाइक रैली का आयोजन सीआईएमबीएस के सामाजिक जागरूकता अभियान ‘इंडिया फॉर मेंटल हेल्थ’ तथा राइडर्स प्लैनेट की ओर से किया गया। इस रैली के जरिए अगले महीने भारत में पहली बार आयोजित हो रही डब्ल्यूएफएमएच विश्व मानसिक स्वास्थ्य कांग्रेस के आयोजन का आगाज भी किया गया।
इस रैली में सुपर बाइकरों, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस रैली के जरिए लोगों को ‘शांत मन से वाहन चलाने’ का संदेश भी दिया गया।
गौरतलब है कि विश्व मानसिक दिवस का आयोजन हर साल 10 अक्टूबर को होता है। इस साल के विश्व मानसिक दिवस का संदेश है – कार्यस्थलों पर मानसिक स्वास्थ्य।’
इस मौके पर डब्ल्यूएफएमएच विश्व मानसिक स्वास्थ्य कांग्रेस के आयोजन अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल ने कहा, आज के समय में रोड रेज की बढ़ रही घटनाओं का संबंध मानसिक तनाव से भी है। हम सड़कों पर किस तरह से वाहन चलाते हैं और किस तरह का व्यवहार करते हैं यह हमारी मानसिक स्थिति पर भी निर्भर है। हमारा फ्रस्ट्रेशन एवं मानसिक तनाव अक्सर रोड रेज के रूप में सामने आता है।
मोटर बाइक चलाने का शौक रखने वाले सीआईएमबीएस के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. समीर कलानी ने कहा, आज की बाइक रैली में हमने लोगों को ‘शांत मन के साथ वाहन चलाने’ का संकल्प लेते हुए देखा। शांत मन से वाहन चलाने पर हम अपना ध्यान बेहतर तरीके से केन्द्रित कर पाते हैं जिससे दुर्घटना होने की आषंका बहुत कम होती है।
दिल्ली की मनोचिकित्सक डॉ. शोभना मित्तल ने कहा कि पिछले छह वर्षो में दिल्लीवासियों को सड़क जाम में फंसकर दोगुना समय बर्बाद करने को मजबूर होना पड़ता है जो रोड रेज तथा मानसिक तनाव का कारण है। समय पर दफ्तर या अन्य जगह पहुंचने की आपाधापी में लोग मानसिक तनाव से गुजरते हैं और यह तनाव दफ्तर एवं घर में भी बना रह सकता है। सड़कों पर मानसिक तनाव के साथ वाहन चलाने के कारण दुर्घटना होने की आशंका कई गुना बढ़ती है।
इस मौके पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. नीलम कुमार बोहरा ने कहा कि आज जीवन के हर क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है जिसके कारण कार्यस्थलों पर मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इस प्रतिस्पर्धा के कारण लोगों में डिप्रेशन भी बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार आज पांच में से एक व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी मुकाम पर डिप्रेशन से ग्रस्त होते हैं लेकिन मानसिक समस्याओं को लेकर समाज में कायम भ्रांतियों के कारण लोग अपनी मानसिक समस्याओं को छिपाते हैं, जबकि इन समस्याओं का सही समय पर सही इलाज होना चाहिए। ऐसे में यह जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में कायम भ्रांतियों को दूर किया जाए तथा समाज में जागरूकता कायम की जाए।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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