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प्रादेशिक

शिवसेना की भाजपा को दो टूक, किसानों को नजरअंदाज न करें

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मुंबई | शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्राकृतिक आपदाओं और आत्महत्याओं के दंश झेल रहे किसान समुदाय के आक्रोश को निमंत्रण नहीं देने की मंगलवार को चेतावनी दी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है, “हम बेशक केंद्र और राज्य में भाजपा के सहयोगी हैं, लेकिन हम भाजपा के सामने झुकने वाले नहीं हैं। जब कभी जरूरत होगी हम लोगों के हित में आवाज उठाएंगे।”

किसानों के हितों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए शिवसेना ने कहा कि वे 2014 के चुनाव के दौरान किसान समुदायों को किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार से टक्कर लेने से भी नहीं चूकेंगे। शिवसेना ने कहा है, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि उन्हें किसानों की मदद के लिए केंद्र से अधिकतम सहायता मिली है, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यह साबित कर दिया है कि देवेंद्र और राज्य के कृषि मंत्री एकनाथ खड़से दोनों इस मुद्दे पर गलत थे।”

गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार से किसी तरह का प्रस्ताव मिलने से इंकार किया था। सेना ने कहा है कि जब कभी प्राकृतिक आपदा आती है, केंद्र सरकार तुरंत लगभग 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि का ऐलान करती है, लेकिन इसमें से कितनी धनराशि किसानों तक पहुंची है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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