बिजनेस
सेफजुकेट ने किया भारत के पहले लाजिस्टिक्स रोजगार मेले का आयोजन
देश के प्रमुख नगरों और शहरों में आयोजित किया गया था मेला
लखनऊ। सेफजुकेट ने सफलतापूर्वक अंबाला, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, रांची, इंदौर और कोच्चि सहित देश के सात विभिन्न स्थानों में भारत के पहले लाजिस्टिक्स रोजगार मेले का आयोजन किया। इस मेले में विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमियों से आए 14000 विद्यार्थियों के साथ ही मुख्य रूप से प्रसिद्ध लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन उद्योग से आने वाले 100 से ज्यादा प्रसिद्ध नियोक्ता ने भाग लिया।
मेले में व्यापक स्तर पर दी गईं नौकरियां
संचालन और बिक्री दोनों क्षेत्रों में 450 विद्यार्थियों को शार्टलिस्ट किया गया था और जब बाकी 52 नियोक्ता अपने परिणामों को साझा करेंगे तो यह संख्या 1200 तक पहुंचने की उम्मीद है। ये छांटे गए प्रतिभागी अब सफल अवसरों और उज्ज्वल भविष्य में प्रवेश कर गए हैं। इस रोजगार मेले ने एक ही समय पर उद्योगों और प्रतिभाओं का आपस में मेल कराते हुए, कौशल की कमी को प्रभावी रूप से पूरा किया है और उद्योग को नवीन प्रतिभाएं प्रदान की हैं।
इस मौके पर बात करते हुए सेफजुकेट की सीईओ दिव्या जैन ने बताया कि वे इस कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साहित थी और कहा कि, ‘‘यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जो कि न केवल एक सुशिक्षित जन-शक्ति को लेकर लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र की मांगों को पूरा करता है बल्कि इसने युवाओं के लिये भी अवसरों के द्वार खोले हैं ताकि वे अपने मुख्य करियर विकल्पों में से एक के रूप में लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र पर विचार करें।’’
उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि ऐसे और भी कार्यक्रमों को आयोजित करने और नियोक्ताओं और प्रतिभाओं को एक-साथ लाने की जरूरत है ताकि उद्योगों और नौकरी खोजने वाले युवाओं दोनों को लाभ मिले। सेफजुकेट लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र के लिये जन-शक्ति को प्रशिक्षित करने पर केन्द्रित है, जो कि भविष्य के लिये हजारों युवाओं को तैयार करेगा।
इस मेले में एक विद्यार्थी ने कहा, ‘‘आज, हजारों-लाखों लोग रोजगार के अवसर खोज रहे हैं, जिससे यहां प्रतियोगिता और भी ज्यादा भयंकर होती जा रही है। इस प्रकार के परिदृष्य में, सेफजुकेट द्वारा आयोजित इस रोजगार मेले ने एक ऐसे बेहतरीन प्लेटफार्म के रूप में सेवाएं दी हैं जिसने विभिन्न स्तरों पर विविध नौकरियां प्रस्तुत की हैं, यह सब एक ही स्थान पर। बेहतरीन अवसरों से भरी हुई एक राह हमें प्रदान करने के लिये हम इनका धन्यवाद करते हैं।’’
सेफजुकेट के बारे मेंः
सप्लाई चेन और लाजिस्टिक्स प्रशिक्षण में विषेशज्ञ सेफजुकेट की स्थापना 2007 में भारत के सप्लाई चेन और लाजिस्टिक्स उद्योग में लगातार बढ़ती कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य के साथ की गई थी। स्टैंफार्ड और कैम्ब्रिज विष्वविद्यालय के पूर्वछात्रों द्वारा संचालित, इस टीम के पास बेहद प्रेरित करने वाले, सहज और व्यावहारिक कार्यक्रमों का निर्माण करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय तजुर्बे और सबसे अच्छे काम के साथ सप्लाई चेन क्षेत्र का काफी संचालन अनुभव है।
सेफजुकेट बेहद अनुभवी सलाहकारों और प्रशिक्षकों की एक टीम द्वारा समर्थित है। ये व्यावसायिक विशिष्ट रूप से डिजाइन किये गये कार्यक्रमों और कोर्सों के भाग के रूप में विष्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिसके माध्यम से प्रतिभागी व्यापक तौर पर सप्लाई चेन और लाजिस्टिक्स क्षेत्र को समझने में सक्षम हो पाते हैं।
प्रतिभागियों को इस क्षेत्र की विस्तृत जानकारी और प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे सप्लाई चेन और लाजिस्टिक्स उद्योग में काम करने के दौरान रोजाना सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो पाएं। देश भर में अत्याधुनिक प्रशिक्षण केन्द्रों के साथ, सेफजुकेट का उद्देश्य इस क्षेत्र में अपने अथाह ज्ञान, अनुभव और विषेश ज्ञता के साथ सप्लाई चेन शिक्षण क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
सेफजुकेट ने भारत में 52 नगरों में 30,000 से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देने का लैंडमार्क हासिल कर चुका है। सेफजुकेट द्वारा प्रस्तुत किये गये सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम सप्लाई चेन और लाजिस्टिक्स शिक्षा के वैश्विक मानकों का अनुपालन करते हैं।
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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