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उत्तराखंड

स्कूलों में शिक्षक अब नहीं कर सकेंगे कामचोरी, ये एप रखेगा नजर

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उत्तराखंड। उत्तराखंड में शिक्षकों की गैरहाजिरी को लेकर सरकार अब नया नियम बनाने जा रही है। दरअसल यहां स्कूलों में गैरहाजिर होने पर उनकी खैर नहीं है क्योंकि सरकार अब मोबाइल के एक एप के सहारे पर उन पर कड़ी नजर रखने की कवायत में है।
शिक्षा विभाग ने रियल टाइम अटेंडेंस (आरटीए) के लिए खास मोबाइल एप विकसित किया है।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक स्कूल में आने के बाद मोबाइल एप पर सेल्फी खींचेगा जबकि जब स्कूल खत्म हो जायेगा तो लौटने की भी सेल्फी खींचनी होगी। इतना ही नहीं एप इस फोटो को खुद ही मुख्य सर्वर पर पहुंचा देगा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस नई प्रणाली पर खुलकर जानकारी दी है।

शिक्षा मंत्री के अनुसार यह एप उज्जवल एप के तहत जोड़ा जायेंगा। सरकार की कोशिश है कि यह प्रणाली जल्द से जल्द लागू किया जाये। शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

इस प्रणाली से शिक्षक की गैरहजारी पर लगाम लगेंगी। शिक्षक की लोकेशन भी यह एप बताएगा। उज्ज्वल एप-प्रभारी उप शिक्षा अधिकारी ब्रजपाल सिंह राठौर के अनुसार पूरी प्रणाली जीपीआरएस से लैस है। शिक्षा विभाग के करीब 70 हजार शिक्षक, कर्मचारी और अफसरों की लॉगिन आईडी तैयार कर ली गई है। कुल मिलाकर स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाजरी को लेकर सरकार सख्त है और वह एक्शन के मूड में हैं

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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