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आरबीआई गर्वनर इस्तीफा दें : बैंक यूनियन

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आरबीआई गर्वनर इस्तीफा दें, भारतीय रिजर्व बैंक, उर्जित पटेल,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली

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आरबीआई गर्वनर इस्तीफा दें, भारतीय रिजर्व बैंक, उर्जित पटेल,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली

                                                                         उर्जित पटेल

चेन्नई | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल को नोटबंदी की ठीक से योजना नहीं बनाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। एक शीर्ष यूनियन के नेता ने यह बात कही।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिशर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डी. थॉमस फ्रैंको ने बताया, “या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या वित्त मंत्री अरुण जेटली को नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी होगी।

आरबीआई गर्वनर को सरकार को इससे जुड़े तमाम मुद्दों जैसे बैंकिंग क्षेत्र को इसके लिए तैयार होने में कितना समय लगेगा आदि की सही सलाह देनी चाहिए थी।”

एआईबीओसी के करीब 2.5 लाख सदस्य हैं।

नोटबंदी के तुरंत बाद ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाई एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया कि आरबीआई ने अपने अनुचित नियोजन से लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है।

फ्रेंको ने आगे कहा, “आरबीआई को जिम्मेदारी उठाना चाहिए और वास्तविक स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए कि 500 और 1,000 रुपये की क्यों नोटबंदी की गई।”

उन्होंने कहा कि आरबीआई ही नोट प्रिंट करती है तो उसे एटीएम के आकार का भी ध्यान रखना चाहिए।

फ्रेंको ने कहा, “आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट का आकार बदल दिया, जिससे एटीएम को अनुरूप बनाने (कैलीब्रेशन) की जरूरत पड़ रही है।”

उनके मुताबिक आरबीआई को 100 रुपये की नोट की पर्याप्त छपाई करनी चाहिए। इसकी बजाए उसने नोटबंदी से पहले केवल 2,000 रुपये के नोट छापने की तैयारी की।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का यह फैसला कि अमिट स्याही लगाई जाए। इसमें भी खामी है। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में इंक बैंक तक पहुंच ही नहीं रहे।

फ्रैंको ने कहा, “अगर इसमें कोई अन्य स्याही इस्तेमाल की गई तो उससे लोगों को त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है।”

उन्होंने कहा कि केवल बैंक की शाखाओं से नोट जारी करने की बजाए उपभोक्ता सेवा केंद्रों (जिनकी संख्या करीब 2.5 लाख है) और सहकारी बैंकों के माध्यम से नोट जारी करने चाहिए।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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