उत्तराखंड
स्टिंग प्रकरण: सीबीआई के समक्ष आज पेश नहीं होंगे हरीश
देहरादून। स्टिंग केस में फंसे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोमवार को सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। उत्तराखंड की पूर्व संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा ह्दयेश ने ये जानकारी दी है। इंदिरा ह्दयेश ने प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से शक्ति परीक्षण को लेकर मीटिंग की थी। कांग्रेस की वरीष्ठ नेता इंदिरा ह्दयेश ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कंजवाल से पत्र लिखकर विनती की थी जब तक शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता, हरीश रावत को देहरादून में रहने दिया जाए। बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शक्ति परीक्षण के दौरान सबसे बडा मुद्दा सुरक्षा का रहेगा, जिसे लेकर उन्होंने सोमवार को बैठक बुलाई है। स्टिंग में फंसे हरीश रावत को सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। हरीश रावत को सोमवार को सीबीआई के सामने पेश होना था।
उत्तराखंड की राजनीति में इस स्टिंग ने भूचाल ला दिया था। रावत ने भी स्टिंग में अपनी मौजदूगी कबूल की थी। स्टिंग सीडी को ‘फर्जी और गलत’ बताने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्टिंग में अपनी मौजूदगी को स्वीकार करते हुए कहा था कि पत्रकार से मिलना कोई अपराध नहीं है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा ह्दयेश ने कहा है कि हरीश रावत सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए 10 मई को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करेंगे। इस कारण वह सोमवार 9 मई को सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हरीश रावत मंगलवार को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया के बारे में विधायकों संग चर्चा करेंगे। वह आज दिल्ली जाने की स्थिति में नहीं हैं।
एक बार फिर 10 मई को फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले एक और स्टिंग सामने आया है। ताजा स्टिंग इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहले स्टिंग पर सीबीआई प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच शुरू कर चुकी है। पूर्व सीएम को पूछताछ के लिए सीबीआई ने समन तक भेजा हुआ है। उधर, नए स्टिंग में जिस तरह से कई विधायकों के नामों का खुलासा किया गया है, वह मामले को गंभीर बना रहा है। हार्स ट्रेडिंग प्रकरण की छानबीन में जुटी सीबीआई अब जांच का दायरा और बढ़ा सकती है। ताजा स्टिंग की सत्यता फिलहाल जांची नहीं गई है, लेकिन सीबीआई इसे जांच में शामिल कर सकती है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ सकती है। एक तो सीबीआई के मुकदमा दर्ज करने की तलवार लटकी रहेगी, दूसरा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा स्टिंग कांड को भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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