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सेंसेक्स, निफ्टी सप्ताहभर पहले के स्तर पर बंद

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सेंसेक्स, निफ्टी सप्ताहभर पहले के स्तर पर बंद

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सेंसेक्स, निफ्टी सप्ताहभर पहले के स्तर पर बंद

मुंबई| देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक पिछले सप्ताह लगभग एक सप्ताह पहले के ही स्तर पर बंद हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.04 फीसदी यानी 9.84 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 26,625.91 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी शून्य फीसदी यानी 0.15 अंक की तेजी के साथ 8,170.20 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। गेल (4.70 फीसदी), एसबीआई (3.49 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (2.35 फीसदी), कोल इंडिया (2.02 फीसदी) और सिप्ला (1.95 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (5.66 फीसदी), ओएनजीसी (3.42 फीसदी), टाटा स्टील (2.82 फीसदी), ऐक्सिस बैंक (2.70 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.36 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मिला-जुला रुख रहा। मिडकैप 0.15 फीसदी या 17.31 अंकों की गिरावट के साथ 11,359.06 पर और स्मॉलकैप 0.64 फीसदी या 72.44 अंकों की तेजी के साथ 11,435.16 पर बंद हुआ।

सोमवार 13 जून को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की उपभोक्ता महंगाई दर लगातार दूसरे महीने बढ़कर मई 2016 में 5.76 फीसदी हो गई, जो एक महीने पहले 5.47 फीसदी थी। उपभोक्ता खाद्य महंगाई दर मई में बढ़कर 7.55 फीसदी रही, जो एक महीने पहले 6.4 फीसदी थी।

मंगलवार 14 जून को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की थोक महंगाई दर मई 2016 में बढ़कर 0.79 फीसदी दर्ज की गई, जो एक महीने पहले 0.34 फीसदी थी। लगातार 17 महीने नकारात्मक दायरे में रहने के बाद थोक महंगाई दर अप्रैल महीने में सकारात्मक दायरे में आई थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, आलोच्य अवधि में खाद्य महंगाई दर 7.88 फीसदी रही, जो एक महीने पहले 4.32 फीसदी थी।

बुधवार 15 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ छह बैंकों के विलय के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। छह बैंकों में शामिल हैं- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) और भारतीय महिला बैंक लिमिटेड (बीएमबी)।

बुधवार को ही अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को 0.25-0.50 फीसदी बनाए रखा, पर यह संकेत भी दिया कि अब भी इस साल दो बार दरें बढ़ सकती है। फेड ने गत वर्ष दिसंबर में अपनी ब्याज दर को गत एक दशक में पहली बार बढ़ाते हुए 0.25-0.50 फीसदी के दायरे में कर दिया था।

गुरुवार 16 जून को जारी एक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) गत कारोबारी साल की चौथी तिमाही में 30 करोड़ डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.1 फीसदी दर्ज किया गया। आरबीआई ने अपने बयान में कहा, “देश का चालू खाता घाटा 2015-16 की चौथी तिमाही में अत्यधिक घटकर 0.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.1 फीसदी) दर्ज किया गया।” आरबीआई ने कहा, “सीएडी में गिरावट का मुख्य कारण व्यापार घाटा (24.8 अरब डॉलर) के कम रहने के कारण है, जो एक साल पहले 31.6 अरब डॉलर था।”

देश का वस्तु निर्यात मई 2016 में साल-दर-साल आधार पर 0.79 फीसदी घटकर 22.17 अरब डॉलर रहा। वहीं, आयात इस दौरान 13.16 फीसदी गिरावट के साथ 28.44 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा घटकर 6.27 अरब डॉलर रहा, जो मई 2015 में 10.41 अरब डॉलर था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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