उत्तराखंड
मसूरी में पहाड़ी खिसकने से तीन मजदूर दबे
मसूरी। सरकारी दस्तावेजों में भले ही मसूरी में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों पर पाबंदी हो, लेकिन यहां धड़ल्ले से खनन हो रहा है। इसमें जान की भी परवाह नहीं की जा रही है। बीती रात यहां खनन करते समय पहाड़ी खिसकने से तीन मजदूर उसके नीचे दब गये। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायलों को देहरादून के दून अस्पताल भेज दिया गया है। घायलों की हालत नाजुक बतायी जा रही है।
इधर इस हादसे में मसूरी में अवैध रूप से जारी खनन की पोल खुल गई है। मालूम हो कि मसूरी में खनन पर सुप्रीमकोर्ट ने रोक लगा रखी है। ठेकेदार सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना करते हुए रात में खनन कराते हैं। सोमवार देर रात हाथीपांव से करीब चार किलोमीटर दूर कुछ मजदूर एक पहाड़ी पर खनन कर रहे थे। इसी बीच पहाड़ी खिसकने से नेपाली मूल के तीन मजदूर और एक वाहन यूके 07 सीबी0988 मलबे के नीचे दब गए।
साथ में मौजूद लोगों ने मजदूरों को निकालने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं होने पर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में मसूरी से फायरबिग्रेड और पुलिस के लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को मलबे से निकाला। मृतक की शिनाख्त सचिन पुत्र जीत बहादुर, जबकि घायलों के नाम अर्जुन और संजू हैं। ये लोग दूधली के पास के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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