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मुख्य समाचार

’26/11, पठानकोट हमलों के गुनहगारों को कानून के कटघरे में लाए पाकिस्तान’

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भारत और अमेरिका, 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले, पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले, पाकिस्तान

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भारत और अमेरिका, 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले, पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले, पाकिस्तान

john kerry sushma swaraj pc

नई दिल्ली| भारत और अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा कि वह 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले तथा पठानकोट वायुसेना अड्डे पर 2016 में हुए आतंकवादी हमले के गनहगारों को कानून के कटघरे में खड़ा करे। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को द्वितीय रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के बाद बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने सभी रूपों में आतंकवाद की एक बार फिर निंदा की और इस्लामिक स्टेट (आईएस), अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी तथा इससे संबद्ध संगठनों और हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित ठिकानों को बर्बाद करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

संयुक्त बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमलों तथा 2016 के पठानकोट हमले के गुनहगारों को कानून के कटघरे में लाने की मांग की।” बयान में कहा गया है, “दोनों पक्ष सीमा पार से आतंकवाद सहित आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले अन्य संगठनों पर नजर रखना और विचार करना जारी रखेंगे।” भारत तथा अमेरिका दोनों देश दुनिया भर में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए व्यावहारिक सहयोग में इजाफा कर आतंकवाद से निपटने को लेकर साल 2015 के संयुक्त घोषणापत्र के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने वाशिंगटन में जुलाई 2016 में भारत-अमेरिका काउंटर टेररिज्म जॉइंट वर्किं ग ग्रुप की बैठक के दौरान आतंकवाद से निपटने के मुद्दों को पर हुई चर्चा का उल्लेख किया और आतंकवादियों से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान, आतंकवादी संगठनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समन्वय बढ़ाने तथा परस्पर कानूनी सहायता के आग्रह को शीघ्र पूरा करने का स्वागत किया।” बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष आतंकवाद से निपटने के लिए अधिक से अधिक संयुक्त आदान-प्रदान व कार्यक्रम विकसित कर रहे हैं तथा द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए पहल कर रहे हैं। संयुक्त बयान में सुषमा व जॉन केरी ने पाकिस्तान से आतंकवादियों व आपराधिक गिरोहों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने और अच्छे तथा बुरे आतंकवाद के बीच कोई फर्क न करने को कहा।

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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