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अलगाववादियों को कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत में यकीन नहीं

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कश्मीिर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, राजनाथ सिंह, अलगाववादियों को कड़ा संदेश, जम्हूरियत कश्मीरियत इंसानियत

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कश्मीिर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, राजनाथ सिंह, अलगाववादियों को कड़ा संदेश, जम्हूरियत कश्मीरियत इंसानियत

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कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है और रहेगा

नई दिल्ली। कश्‍मीर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बिना बातचीत किए बैरंग लौटाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी के अलगाववादी नेताओं को आड़े हाथों लिया है। अलगाववादियों को फटकार लगाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह न तो जम्हूरियत है, न कश्मीरियत है और न ही इंसानियत है। राजनाथ ने हालांकि डेलिगेशन में शामिल वामपंथी व अन्य नेताओं के अलगावादियों से मिलने की पहल से किनारा किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनकी तरफ से ‘न हां थी और न ना।’

बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं, बल्कि रोशनदान भी खुले

अलगाववादियों को कड़ा संदेश देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था और रहेगा। कश्मीर के लोग भी यही मानते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति चाहने वालों से बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं, बल्कि रोशनदान भी खुले हैं।

कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे दिन राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। राजनाथ ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने अब तक 30 से ज्यादा डेलिगेशन्स के करीब 300 लोगों से मुलाकात की है। इसमें सिविल सोसायटी, राजनीतिक दल, यूनिवर्सिटी के टीचर, वाइस चांसलर, फल उत्पादक, छात्र और कुछ बुद्धिजीवी शामिल थे। राजनाथ ने कहा कि सबकी इच्छा यही थी कि घाटी में हालात बदलने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू के गवर्नर और सीएम से भी बात की है। इसके साथ ही राज्य के अधिकारियों से भी बात हुई है।

राजनाथ सिंह ने शनिवार को प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों के अलगाववादियों से मिलने की कोशिश से किनारा किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी मिली कि कुछ सदस्य हुर्रियत के नेताओं से भी मिलने गए थे। हमारी तरफ से इसके लिए न हां कहा गया था न ना। जो कुछ भी हुआ वह जानकारी आपको है। मैं डीटेल में नहीं जानना चाहता, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।’

बता दें किअलगाववादी नेताओं ने बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बैरंग लौटा दिया था। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने तो प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए दरवाजे तक नहीं खोले। राजनाथ सिंह ने इसके लिए अलगाववादियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘यह कश्मीरियत तो नहीं ही है। इसे इंसानियत भी नहीं माना जा सकता है। कोई बातचीत करने के लिए गया हो और बात न की जाए… उन्हें जम्महूरियत में भी यकीन नहीं है।’

राजनाथ सिंह ने कहा कि पावा सेल के रूप में पेलेट गन का विकल्प तलाश लिया गया है। उन्होंने कहा, ’24-25 जुलाई को जब मैं आया था तो पेलेट गन की शिकायत की गई थी। मैंने कहा था कि इसका विकल्प तलाशा जाएगा। दो महीने से पहले ही कमिटी ने अपनी सिफारिश दे दी है। पावा सेल का सुझाव आया है, इससे किसी की जान नहीं जाएगी।’ उन्होंने कहा कि पिछली बार उनसे कहा गया था कि भारत के दूसरे हिस्सों में रहने वाले कश्मीर के बच्चों की कुछ शिकायत रहती है। इसके लिए एक नोडल ऑफिसर संजय राय को तैनात कर दिया गया है। साथ ही चौबीस घंटे खुली रहने वाली हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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