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प्रादेशिक

मप्र में देर रात तक एटीएम, सर्राफा दुकानों पर रही भीड़

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मप्र में देर रात तक एटीएम, सर्राफा दुकानों पर रही भीड़

भोपाल | 500-1000 रुपये के नोट के प्रचलन पर रोक लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अन्य हिस्सों के एटीएम के बाहर और सर्राफा दुकानों पर खासी भीड़ रही। एक तरफ एटीएम से रकम निकालने के लिए कतारें लगी रहीं। वहीं बड़े नोट रखने वाले थैलों में रकम भरकर मनपसंद जेवरात खरीदने सर्राफा दुकानों पर पहुंचे।

प्रधानमंत्री द्वारा 500-1000 रुपये के नोट प्रचलन से बंद किए जाने की घोषणा जंगल में आग की तरह फैल गई। फिर क्या था? एटीएम पर 100-100 रुपये के नोट पाने के लिए लंबी लंबी कतारें लग गईं, कई एटीएम में तो 100 रुपये के नोट ही नहीं निकल रहे थे, तो कई मशीनें हैंग कर गईं।

राजधानी के एमपी नगर क्षेत्र में रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने मंगलवार की शाम को ही एटीएम से रकम निकाली थी, जिसमें 500-500 के नोट निकले थे, पर इन नोटों पर मध्य रात्रि से रोक लगाए जाने की खबर के बाद वे घबरा गए और छोटे नोट निकालने एटीएम पर पहुंचे, पर उनकी चाहत पूरी नहीं हो पाई।

एक तरफ जहां आमजन आने वाली समस्या से बचने के लिए 100-100 रुपये के नोट निकालने के लिए एटीएम पहुंचे थे, वहीं दूसरी ओर कारोबारी दिन भर में हुए कारोबार की रकम जमा करने कैश डिपोजिट मशीन पर पहुंच रहे थे।

बैंकों की एटीएम व सीडीएम पर तो कतारें थीं ही, सर्राफा दुकानों का नजारा भी जुदा था, रात को 11 बजे तक बड़ी संख्या में लोग खरीदारी में लगे रहे। इन स्थानों पर खरीदारों की मौजूदगी से ऐसे लग रहा था, मानो दिवाली के बाद फिर धनतेरस आ गया हो।

राजधानी के एमपी नगर, मालवीय नगर, न्यू मार्केट, पुराना भोपाल के चौक बाजार आदि स्थानों की ज्वेलर्स की दुकानों पर बड़ी संख्या में लोग थैलों और बच्चों के स्कूली बैग में रकम भरकर पहुंचे। यहां देर रात तक जेवरात खरीदने का दौर चलता रहा, तो कहीं कई दुकानदारों ने 500-1000 रुपये के नोट के प्रचलन पर रोक लगाए जाने की खबर मिलते ही अपने प्रतिष्ठान तय समय से पहले ही बंद कर दिए।
इसी तरह के हालात राज्य के जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन के प्रमुख शहरों से लेकर कस्बों तक में रहे, जहां देर रात तक लोग अपने पास मौजूद 500-1000 रुपये के नोट खपाने में लगे रहे तो कुछ एटीएम से छोटे नोट निकालने की जुगत में जुटे रहे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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