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बिजनेस

‘महंगाई दर 2018 के अंत तक आरबीआई के लक्ष्य तक पहुंचेगा’

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चेन्नई | वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिंच रेटिंग्स ने सोमवार को अनुमान जाहिर किया कि साल 2018 के अंत तक महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यकालिक लक्ष्य दो-छह फीसदी को स्पर्श करेगी। रेटिंग एजेंसी ने अपनी द्विमासिक समीक्षा में कहा, “फिंच का अनुमान है कि मुद्रास्फीति साल 2018 के अंत तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यकालिक लक्ष्य के अनुरूप दो-छह फीसदी के बीच रहेगी।”

एजेंसी ने कहा, “आरबीआई की नीति में तब के मुकाबले में अभी का स्वरूप यह तय करेगा कि क्या मुद्रास्फीति को लक्षित नया ढांचा सही मायने में शासन में बदलाव है।”

फिच ने कहा कि रघुराम राजन के आरबीआई गवर्नर के रूप में तीन साल के कार्यकाल में रुपया स्थिर था, इसलिए शायद यह समझ में आता है कि उनके जाने से थोड़ी घबराहट फैली है।

फिच वायर के वरिष्ठ विश्लेषक डेन मार्टिन ने कहा, “हालांकि आरबीआई को चलाने के लिए राजन के जैसा ही हाईप्रोफाइल गर्वनर चाहिए, ऐसा नहीं है। क्योंकि केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता महंगाई और आर्थिक स्थिरता है।”

आरबीआई के नए प्रमुख अब उर्जित पटेल हैं। साथ ही नवस्थापित छह लोगों की मौद्रिक नीति समिति ही मौद्रिक नीति के फैसले लेती है। राजन के जाने के बाद इस समिति की पहली बैठक में ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लिया गया।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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