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बिजनेस

पेटीएम अब 10 क्षेत्रीय भाषाओं में होगा उपलब्ध

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PAYTMनई दिल्ली। मोबाइल भुगतान और व्यापार प्लेटफार्म पेटीएम लोगों को अपनी पसंदीदा क्षेत्रीय भाषा में खरीदारी करने में सक्षम बनाने के लिए बहुभाषाई इंटरफेस लांच करने के लिए तैयार है। एंड्रॉयड पर पेटीएम का यूजर इंटरफेस अंग्रेजी में और 10 अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं यानी हिंदी, तमिल, तेलुगू, गुजराती, मराठी, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, उडय़िा और पंजाबी में उपलब्ध होगा। पेटीएम कई क्षेत्रीय भाषाओं वाला इंटरफेस प्रस्तुत करने वाला भारत का पहला मोबाइल भुगतान और व्यापार प्लेटफार्म है।

पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक अब्बोट ने कहा, इस नए कदम से, हम द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में अपने ग्राहकों के आधार को 40 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य भुगतान और व्यापार को ज्यादा समावेशी बनाना है, और यह नया फीचर उन प्रयोक्ताओं को शामिल करने के लिए बाजार का विस्तार करने में हमारी मदद करेगा जो अपनी स्थानीय भाषाओं में ऑनलाइन होना पसंद करते हैं।

पूरे भारत में 850,000 से ज्यादा ऑफलाइन व्यापारी अपने अधिमान्य भुगतान मोड के रूप में पेटीएम को स्वीकार करते हैं। पेटीएम को लगभग सभी जगहों में स्वीकार किया जाता है, जैसे कि टैक्सी, ऑटो, पेट्रोल पंप, ग्रॉसरी शॉप, रेस्तरां, कॉफी शॉप, मल्टीप्लेक्स, पार्किं ग, फार्मेसी, अस्पताल, किराना दुकान, न्यूजपेपर विक्रेता और भी कई अन्य।

रिचार्ज और बिलों का भुगतान करने, मूवी टिकट्स, यात्रा की बुकिंग, खाने का ऑर्डर करने और खरीदारी करने जैसी सेवाओं के लिए भी हजारों एप और वेबसाइट्स पर भुगतान करने के लिए पेटीएम का प्रयोग किया जा सकता है। पेटीएम ने हाल ही में एक दिन में 50 लाख लेन-देनों के आंकड़े को छुआ है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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