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खेल-कूद

चेन्नई टेस्ट: आखिरी बाजी में भी इंग्लैंड पर रहम नहीं करेगा भारत

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virat kohli-cookचेन्नई। भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का अंतिम मुकाबला शुक्रवार से यहां के चेपक स्टेडियम में खेला जाएगा। भारतीय टीम सीरीज में 3-0 से आगे है तथा एक और जीत के साथ सीरीज अपने नाम करना चाहेगी। भारत ने मुम्बई में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में एक पारी और 36 रनों की जीत के साथ सीरीज में अजेय बढ़त हासिल की है लेकिन वह इंग्लिश टीम पर किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतना चाहेगी क्योंकि यह इस साल का उसका अंतिम टेस्ट मैच होगा और वह जीत के साथ नए साल में प्रवेश चाहेगी।

चेन्नई मैच भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए अहम होगा। अश्विन ने मुम्बई टेस्ट में 12 विकेट लेकर भारत की जीत तय की थी। वह इस सीरीज में भारत के लिए निर्णायक साबित हुए हैं। यही हाल कप्तान विराट कोहली का है। कोहली ने इस सीरीज में कई बेहतरीन पारियां खेली हैं। मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा ने भी अहम योगदान दिए हैं।

तमिलनाडु इन दिनों चक्रवाती तूफान वरदा से बुरी तरह प्रभावित है। इसका असर चेपक स्टेडियम पर भी पड़ा है। मैच से दो दिन पहले से ही पिच को कोयले की गर्मी से सुखाने का काम शुरू हो गया है। तमिलनाड़ु क्रिकेट संघ ने कहा है कि वह मैच कराने की स्थिति में है और इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर रखी है।

दूसरी ओर, इंग्लिश टीम इस मैच को जीतकर स्वदेश जाना चाहेगी। क्रिसमस की छुट्टियों के बाद वह फिर से भारत लौटेगी और एकदिवसीय सीरीज खेलेगी लेकिन एलिस्टर कुक की टीम के लिए भारत को हरा पाना मुश्किल लग रहा है।

मुम्बई में पहली पारी में 400 रन बनाने के बाद भी यह टीम पारी के अंतर से हार गई। इससे उसका आत्मविश्वास काफी नीचे गया है। इससे उबरना उसके लिए आसान नहीं होगा। साथ ही स्पिनरों को ठीक से नहीं खेल पाने की कमी ने उसे नुकसान पहुंचाया है।

कुक अपनी टीम को एक जीत के लिए प्रेरित करेंगे। वह अपने देशवासियों को क्रिसमस का उपहार देना चाहेंगे और साथ ही साथ बढ़े हुए मनोबल के साथ स्वदेश लौटना चाहेंगे। अब देखने वाली बात यह है कि चेपक की पिच का रुख दिखाती है क्योंकि दोनों टीमों का संयोजन काफी हद तक इसी बात पर निर्भर करेगा।

वैसे कोहली द्वारा टीम में परिवर्तन की कम उम्मी है लेकिन फिर भी वह कुछ ऐसे खिलाडय़िों को आजमाने के बारे में सोच सकते हैं, जिन्हें इस सीरीज में अब तक मौका नहीं मिला है। साथ ही कोहली अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के जारी रखते हुए आईसीसी रैंकिंग में प्रगति जारी रखना चाहेंगे। अभी वह बल्लेबाजों की तालिका में दूसरे स्थान पर हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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