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प्रादेशिक

जद (यू) के 4 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को दी चुनौती

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पटना। जनता दल (युनाइटेड) के चार बागी विधायकों ने बुधवार को पटना उच्च न्यायालय में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उनकी सदस्यता समाप्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी। इन विधायकों ने यह कदम उच्च न्यायालय के उस फैसले के एक दिन बाद उठाया है, जिसमें जद (यू) के चार बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के अध्यक्ष के फैसले को मंगलवार को अमान्य करार दिया गया था।

एक अयोग्य विधायक अजीत कुमार ने कहा, “सदस्यता समाप्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ हमने एक याचिका दाखिल की है।” अयोग्य ठहराए गए एक अन्य विधायक पूनम देब ने कहा, “अपनी याचिका में हमने जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करने के अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की है।”

दलबदल कानून के प्रावधानों के तहत सदस्यता गंवाने वाले दो अन्य विधायक राजू सिंह तथा सुरेश चंचल ने कहा कि उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में होगा, जैसा मंगलवार के फैसले में हुआ था। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने जद (यू) के चार विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के अध्यक्ष के फैसले को अमान्य करार दिया था। न्यायालय ने फैसले में कहा था, “दलबदल तथा असंतोष समानार्थक शब्द नहीं हैं।” राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मद्देनजर चारों विधायकों पर कार्रवाई की गई थी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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