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केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से भी हो सकता है शिवसेना का ‘तलाक’

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uddhavthackerayमुंबई। महाराष्ट्र में अगले माह होने वाले निकाय चुनाव के लिए शिवसेना की तरफ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोडऩे के बाद शिवसेना पर राज्य के साथ ही केंद्र सरकार से अलग होने का दबाव बढ़ गया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा गुरुवार रात पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक के दौरान गठबंधन तोडऩे की घोषणा के बाद हजारों की संख्या में शिवसैनिक खुशी से झूम उठे।

उद्धव ने गुरुवार शाम कहा, “हम भीख का कटोरा लेकर नहीं जाएंगे। हमने इस गठबंधन में अपने २५ साल खो दिए। लेकिन अब और नहीं। शिवसेना नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी और अब आगे भाजपा के साथ गठबंधन नहीं होगा।”

इसके एक दिन बाद कई कार्यकर्ताओं ने शिवसेना ने खुलकर मांग की कि वह भाजपा से पूरी तरह अलग हो जाए।

इसके बाद, शिवसेना सांसद तथा पार्टी के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता नहीं चाहती, इसलिए राज्य सरकार को शिवसेना का समर्थन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार में शिवसेना का बने रहना गठबंधन से अधिक समर्थन जैसा रहेगा।

केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के एक घटक रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) ने महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनाव के लिए खुद को भाजपा के साथ रखने का फैसला किया है।

आरपीआई के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा व शिवसेना के बीच गठबंधन टूटने पर दुख जताते हुए कहा कि वह भाजपा का समर्थन जारी रखेंगे, जिसके लिए उनकी पार्टी ने गठबंधन किया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने गठबंधन टूटने पर चुटकी लेते हुए कहा, “२५ वर्ष पुराना गठबंधन टूटने की बात सुनकर हम बहुत दुखी हैं।”

संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार पर कोई संकट आया, तो क्या राकांपा कोई भूमिका निभाएगी, पवार ने मुस्कुराते हुए कहा, “अगर वह सरकार बचाने के लिए हमसे मदद मांगने आते हैं, तो मैं सोचूंगा।”

कांग्रेस ने कहा, “दोस्त दोस्त न रहा..मतलब की शादी अधिक नहीं चलती। रिश्ता टूटना तय था।”

कांग्रेस ने गठबंधन टूटने की घटना को ठाकरे का नाटक करार दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने शिवसेना को महाराष्ट्र व केंद्र की सरकार से बाहर आने की चुनौती दी।

उधर, कूटनीतिक रुख अख्तियार करते हुए फडणवीस ने घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि हमारे लिए सत्ता अंत नहीं है, बल्कि शासन में पारदर्शिता के माध्यम से केवल विकास करने का एक तरीका है।

उद्धव ठाकरे द्वारा गुरुवार को गठबंधन तोडऩे की घोषणा के बाद फडणवीस ने कहा, “जो हमारे साथ रहेंगे उनके साथ मिलकर और उनके बगैर भी हम विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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