प्रादेशिक
तीन बजे तक 54.23 फीसदी मतदान, पार्टियों ने किए जीत के दावे
उप्र में दूसरे चरण का मतदान जारी
लखनऊ| उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को दूसरे चरण का मतदान जारी है। 11 जिलों की 67 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को जहां इस क्षेत्र में अपने 2012 के प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि इस चुनाव में जनता सपा को सबक सिखाएगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 67 सीटों में से 34 पर जीत मिली थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 17 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। सपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधान परिषद के सदस्य सुनील यादव ‘साजन’ ने कहा कि पार्टी इस बार 34 से अधिक सीटें जीतेगी।
अखिलेश सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के सवाल पर उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षो में अखिलेश जी ने बहुत काम किए हैं। वह अपने काम के दम पर विरोधियों को हराने में कामयाब होंगे। इस बार पिछले चुनाव से भी बेहतर परिणाम मिलेगा।”
वहीं, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा, “अखिलेश यादव के खिलाफ जबर्दस्त लहर है। मुसलमान अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है।”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “अखिलेश ने जो सपने दिखाए थे, वे कहां गए? मुसलमानों के हित की बात करने वाले इनका इस्तेमाल केवल वोट के लिए ही करते हैं। इसका जवाब मुस्लिम समाज देगा।”
राजभर ने कहा, “सपा के संरक्षक मुलायम सिंह खुद ही कह चुके हैं कि अखिलेश ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है। मुलायम खुद ही पांच वर्षो तक अखिलेश के मंत्रियों के कामकाज पर सवाल उठाते रहे। जनता को इस बात का भी अंदाजा है कि सपा की सरकार बनने के बाद केवल वर्ग विशेष के लोगों को ही नौकरी मिलेगी। मायावती की सरकार में ऐसा कभी नहीं होता।”
इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाने में लगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस, जो इस बार सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, मुश्किल से चार सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।
भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने स्वीकार किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था। हालांकि उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा, “पार्टी पिछले बार से काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी, क्योंकि केंद्र सरकार ने जनता के लिए बहुत काम किए हैं। इन कामों को गिनाने की आवश्यकता नहीं है।”
उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव कहते हैं कि काम बोलता है। लेकिन सच्चाई यह है कि उप्र में अपराध बोल रहा है। उनकी पत्नी कन्नौज से सांसद हैं, लेकिन यहां भी उद्योगों का विकास नहीं हो पाया। वर्ग विशेष को लेकर उनकी योजनाएं भी जनता के दिमाग में हैं।”
पिछले विधानसभा चुनाव में इत्तेहादुल-ए-मिल्लत काउंसिल और पीस पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों को एक-एक सीट पर जीत मिली थी।
दूसरे चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहे हैं, उनमें से 40 मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं। 721 उम्मीदवार इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बिजनौर, सहारनपुर और बदायूं मुख्य सीटें हैं।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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