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प्रादेशिक

स्पीकर्स सम्मेलन का आगाज, कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश के विधायी निकायों के पीठसीन अधिकारियों और सचिवों का 77वां ऑल इंडिया स्पीकर्स सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ। विधान भवन में आयोजित यह स्पीकर्स कांफ्रेंस दो फरवरी तक चलेगी। इसमें देशभर के पीठासीन अधिकारी और सचिव स्तर के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी खासतौर पर इसमें शामिल होने पहुंची हैं। सम्मेलन के मुख्य एजेंडे में विधानसभा की कार्यप्रणाली को पेपरलेस करना शामिल है। ऐसे में इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा कई अहम मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि लखनऊ में इसका आयोजन 30 साल बाद किया जा रहा है। इसमें 30 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और छह विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति, उपसभापति, लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के हिस्सा लेने की सम्भावना है। इसमें लोकसभा, राज्यसभा के महासचिवों के साथ सभी राज्यों के विधानसभा और विधान परिषदों के सचिव हिस्सा ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन 31 जनवरी को पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करेंगे। एक और दो फरवरी को अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। स्पीकर्स सम्मेलन में इसके अलावा संविधान संशोधन में राज्य विधानसभाओं की भूमिका बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही यहां लोकसभा द्वारा निर्धारित कई अहम मुद्दों पर भी विचार होगा। इसमें प्रश्नकाल की प्रक्रिया को बढ़ाने, विशेषाधिकार को बढ़ाने, संविधान की धारा 368 (राज्य विधानसभाओं के अधिकार क्षेत्र), नोटिसों की प्राथमिकता तय करने की प्रक्रिया शामिल है।

ऑल इंडिया स्पीकर्स सम्मेलन में विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस करने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए राज्य विधानभाओं का कम्प्यूटरीकरण करने पर चर्चा होगी। इसके तहत पीठासीन अधिकारियों और सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों से सलाह-मशविरा किया जाएगा। इसके अलावा ‘विकास में संसद की भूमिका’ विषय पर भी चर्चा होगी।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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