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प्रादेशिक

कालाधन वापस लाने के लिए सरकार गंभीर नहीं : जेठमलानी

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नई दिल्ली। पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के मुद्दे पर पर्याप्त रूप से गंभीर नहीं है। ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में राम जेठमलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर काफी गंभीर हैं लेकिन उन्होंने उनकी टीम पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन मोदी की टीम के कुछ लोगों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि काला धन वापस लाने के केवल दो तरीके हैं जिनके द्वारा सरकार इसे वापस ला सकती है। पहला है जर्मन-फ्रांस का तरीका, जिसमें बकाएदारों के नाम जानने के लिए बैंकों को रिश्वत देने का उल्लेख किया गया है। वहीं दूसरा तरीका है कि इसमें शामिल बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया जाए, जैसा कि अमेरिका ने उनके द्वारा घोषित नामों को प्राप्त करने के लिए किया था। उन्होंने कहा कि संबंधित लोग इस मुद्दे के प्रति पर्याप्त रूप से गंभीर नहीं हैं। जहां तक कालाधन वापस लाने की बात है तो सब कुछ बेतरतीब दिखता है। उन्होंने हालांकि कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच में सराहनीय काम कर रहा है।

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्हें आशा है कि काला धन देश में वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि मामले में कुछ देरी हो रही है लेकिन मैं आशान्वित हूं क्योंकि उनकी पार्टी और सरकार दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं। सुब्रमण्यम ने कहा, “मैं इस मामले पर इतना निराशावादी नहीं हूं जितना कि राम जेठमलानी हैं। मुझे आशा है कि हम निश्चित तौर पर इस मुद्दे को सुलझाने में कामयाब रहेंगे।” हालांकि दोनों एक बात पर सहमत हुए, वह थी कालाधन देश की आर्थिक सेहत के लिए खतरनाक है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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