खेल-कूद
क्या युवी-रैना का क्रिकेट करियर अब खात्मे की ओर है
मुम्बई। श्रीलंका के खिलाफ इसी साल अगस्त में वन-डे क्रिकेट में पदार्पण करने वाले तेज गेंदबाज शार्दूल ठाकुर की शनिवार को आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चुनी गई भारतीय वनडे टीम में वापसी हुई है। भारतीय टीम 27 दिसंबर को अफ्रीका दौरे पर रवाना होगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सीनियर चयन समिति ने दक्षिण अफ्रीका में खेली जाने वाली छह वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा की। बीसीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर खाते पर टीम की सूची जारी की है लेकिन इस टीम में एक बार फिर रैना और युवी को एक बार फिर जगह नहीं मिली है। क्रिकेट के जानकारों की मानें तो दोनों का क्रिकेट करियर अब खतरे में पड़ गया है।
दरअसल दोनों ही खिलाडिय़ों ने हाल में ही यो-यो टेस्ट पास किया था। इसके बाद अटकले लगाई जा रही थी कि दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए दोनों ही खिलाडिय़ों को मौका दिया जा सकता लेकिन बीसीसीआई ने एक बार फिर दोनों को तगड़ा झटका दिया है। बता दें कि दोनों खिलाड़ी काफी समय से टीम इंडिया से बाहर है। इतना ही नहीं कई बार-बार यो-यो टेस्ट फेल भी हुए थे। घरेलू क्रिकेट में यानी रणजी के रण में दोनों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। युवी और रैना के फ्लॉप होने की वजह से ही उनकी राज्य की टीम में भी रणजी में कुछ खास कमाल नहीं कर सकी।
आलम तो यह रहा कि रैना इस बार रणजी कई मौकों पर दोहरे अंक तक भी नहीं पहुंच सके जबकि युवी पूरे सीजन अपनी फिटनेस से जूझते नजर आए। गौरतलब हो कि टीम इंडिया में चयन के लिए यो-यो टेस्ट पास करना बेहद ही जरूरी होता है। बीसीसीआई ने एक मापदंड तय कर रखा है कि यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए न्यूनतम 16.1 का स्कोर हासिल करना होता है।
वहीं रैना ने 17.1 के स्कोर हासिल कर अपनी फिटनेस का शानदार नमूना पेश किया है जबकि उनके साथी युवराज सिंह ने आखिरकार फिटनेस हासिल करते हुए यो-यो टेस्ट को पास कर लिया लेकिन दोनों को एक बार फिर बीसीसीआई ने नजरअंदाज कर दिया है। उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कप्तान सुरेश रैना को पहली बार 2005 में टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला था, उस समय वह 19 साल के थे। उन्होंने अपना पहला वनडे मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था। सुरेश रैना ने अंतिम बार साल 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उन्होंने अब 223 वन डे में 5568 रन बनाये हैं।
इस दौरान उन्होंने पांच शतक भी लगाए है। वहीं युवराज सिंह ने अंतिम बार भारत की तरफ से इसी साल वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। अनुभव के हिसाब से युवराज ने अब 304 वन डे मैच खेले हैं लेकिन उनको भी उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने अब तक 8701 रन बनाकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। ऐसे में अब समझ से परे हैं कि दोनों को अखिर क्यों नहीं।
हालांकि क्रिकेट के जानकारों की मानें तो दोनों ही खिलाडिय़ों को इस समय टीम इंडिया में जगह मिलना मुश्किल क्योंकि टीम में कई और युवा खिलाड़ी है जो शायद अपनी फिटनेस और फॉर्म दोनों के बल पर युवी और रैना पर भारी पड़ेगे। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों का क्रिकेट करियर अब खात्मे की ओर बढ़ रहा है। कुल मिलाकर दोनों ही खिलाडिय़ों के लिए अब आगे की राह आसान नहीं है। विश्व कप की टीम में जगह बनाने का सपना देख रहे दोनों खिलाडिय़ों को शायद निराशा ही हाथ लगेगी।
दूसरी ओर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को एक बार वनडे टीम से नजरअंदाज किया गया है। इस पर चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने कहा, “हम काफी घरेलू मैच खेलते हैं। उन्होंने काफी क्रिकेट खेली है और उनके नाम अच्छा खासे विकेट हैं।
एक मुद्दा यह है कि हमने इन युवा खिलाडय़िों को मौका दिया और इन्होंने हमें मैच जिताए। इसलिए हमें इनके साथ जाना पड़ेगा।
वनडे सीरीज का पहला मैच एक फरवरी को डरबन में खेला जाएगा और फाइनल मैच 16 फरवरी को सेंचुरियन में होगा।
भारतीय टीम : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, महेंद्र सिंह धौनी (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, शार्दूल ठाकुर।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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