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करियर

रेलवे के 90 हजार पदों पर आवेदन करने वालों के लिए बुरी खबर, सुनकर टूट सकता है दिल

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नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की तरफ से आई खबर से करोड़ो आवेदकों ने राहत की सांस ली थी। खबर थी कि रेलवे जल्द ही ग्रुप सी और ग्रुप डी के लिए खाली पड़े 90 हजार पदों पर परीक्षा आयोजित कराने वाला है। आज हम आपको इससे जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि रेलवे द्वारा आयोजित कराई जाने वाली इस परीक्षा में अगर दो लोगों के एक समान नंबर आए तो नौकरी किसे मिलेगी।

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जानकारी देने से पहले आपको बता दें कि रेलवे 90 हजार पदों के पर करीब 2.37 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है। इतनी बड़ी संख्या में हुए आवेदन से जाहिर है कि कई अभ्यर्थियों के नंबर भी एकदूसरे के बराबर होंगे ऐसे में लोगों के मन में एक बड़ा सवाल हमेशा चलते रहता है कि यदि उनके नंबर किसी और के बराबर रहे तो किसका चयन होगा?

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आपको बता दें कि रेलवे में बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर यह साफ कर दिया है कि अगर दो या दो से ज्यादा उम्मीदवारों के मेरिट में एक समान नंबर आए तो आयु के आधार पर सेलेक्शन होगा। जिस उम्मीदवार की उम्र ज्यादा होगी उसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।

साथ ही रेलवे ने यह भी स्पष्ट लिखा कि रेल भर्ती बोर्ड केवल पैनलबद्ध उम्मीदवारों के नाम की सिफारिश करता है और उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव केवल संबंधित रेल प्रशासन ही करेगा। बता दें कि रेलवे ने अभी तक आधिकारिक रूप से किसी तारीख का ऐलान नहीं किया है लेकिन जो शुरुआती रिपोर्ट है उसके मुताबिक परीक्षा सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने में हो सकती है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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