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खेल-कूद

एमसीजी फाइनल मुकाबले के लिए तैयार

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कोलकाता। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीम जब रविवार को 11वें आईसीसी विश्व कप के फाइनल में मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर आमने-सामने होंगी तो यह मैदान एक और शानदार लम्हे का गवाह बनेगा। यह दूसरा ऐसा मैदान होगा जो एक से अधिक बार विश्व कप फाइनल की मेजबानी कर रहा होगा। इससे पूर्व इंग्लैंड का लॉर्ड्स मैदान चार बार विश्व कप फाइनल की मेजबानी कर चुका है। मेलबर्न ने आखिरी बार विश्व कप-1992 की मेजबानी की थी और उस टूर्नामेंट में पाकिस्तान चैम्पियन बनकर उभरा था।

आस्ट्रेलिया के इस सबसे पुराने मैदान का इतिहास भी बेहद आकर्षक है। इसकी शुरुआत 15 नवंबर, 1838 से होती है जब कुछ लोगों ने एक क्रिकेट क्लब बनाने का फैसला किया और मेलबर्न क्रिकेट क्लब अपने वजूद में आया। इसके बाद 1853 में क्लब की सबसे बड़ी उपलब्धि एमसीजी का निर्माण रहा। स्टेडियम में पहला मैच 1856 में विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच खेला गया। इसके बाद 1862 में इंग्लैंड एकादश के खिलाफ एक मैच हुआ और फिर 1877 में आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट यहां आयोजित किया गया।

क्रिकेट से इतर 1956 में ओलंपिक खेलों और 2006 में राष्ट्रमंडल खेलों की भी मेजबानी इस मैदान ने की। करीब 1,00,024 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में समय-समय पर दूसरे खेलों का भी आयोजन होता रहा है। आस्ट्रेलियन विश्व कप फुटबाल क्वालीफायर्स, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रग्बी मैच आदि यहां आयोजित होते रहे हैं। खेलों के अलावा म्यूजिक कंसर्ट और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी गवाह यह मैदान रहा है। विश्व विख्यात हस्तियों में मडोना, माइकल जैक्सन, रोलिंग स्टोन रॉक बैंड के कार्यक्रम यहां हो चुके हैं। यहां तक कि पोप जॉन पॉल द्वितीय भी 1986 में जब मेलबर्न आए तो इसी मैदान में बड़ी संख्या में जमा लोगों को संबोधित किया।

बहरहाल, क्रिकेट इस मैदान की पहचान रही है। वारविक आर्मस्ट्रॉन्ग, डोनाल्ड ब्रैडमैन, बिल वुडफुल, लियोनार्ड हटन, गारफील्ड सोबर्स, विल्फ्रेड रोड्स, डेनिस लिली, स्टीव वॉ, शेन वार्न, ब्रायन लारा और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज इस मैदान पर अपने खेल का जलवा दिखा चुके हैं। बड़े टूर्नामेंट के दौरान समय-समय पर प्रशंसकों की भारी संख्या में मौजूदगी भी इस मैदान को खास बनाती है। विश्व कप-1992 के फाइनल में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच हुए मुकाबले को देखने के लिए लिए करीब 87,182 लोग यहां पहुंचे।

इसके अलावा 15 महीने पहले भी इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन 91,112 प्रशंसकों ने स्टेडियम का रुख किया। यह मैदान क्रिकेट के कई रोमांचक लम्हों का भी गवाह रहा है। बीस वर्षो में पहली बार 1946-47 में पूर्व आस्ट्रेलियाई दिग्गज ब्रैडमैन इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ किसी टेस्ट में शतक जड़ने में नाकाम रहे और 79 तथा 49 रनों की पारी खेली। इसके बाद भारत के खिलाफ 1947-48 में उन्होंने क्रमश: 132 और नाहाद 127 रनों की पारी खेली।

भागवत चंद्रशेखर ने भी 1977-78 में यहां दोनों पारियों में छह-छह विकेट हासिल कर भारत को जीत दिलाई। विवादों के भी लिए इस मैदान को याद किया जा सकता है। सुनील गावस्कर 1980-81 की एक टेस्ट श्रृंखला में भारतीय टीम के कप्तान थे और यहां एक मैच में खुद को अंपायर द्वारा पगबाधा दिए जाने से इतने नाराज हुए कि अपने साथी खिलाड़ी और दूसरे छोर पर खड़े चेतन चौहान को साथ लेकर मैदान से बाहर चले गए। बाद में विवाद सुलझने के बाद मैच दोबारा शुरू हुआ और भारत दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन कर इस मैच को जीतने में कामयाब हुआ।

1995 का भी एक वाकया काफी चर्चित रहा जब अंपायर डारेल हेयर ने श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के तीन ओवरों में सात गेंदों को नो बॉल करार दिया। हेयर का मानना था कि मुरलीधरन गेंद को नियमों के अनुसार नहीं डाल रहे और थ्रो कर रहे हैं। इन तमाम उपलब्धियों और यादों को समेटे यह मैदान एक बार फिर एक बड़े मुकाबले का गवाह बनने जा रहा है और निश्चित ही प्रशंसकों को यहां एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद होगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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