प्रादेशिक
गिरिराज पहले भी देते रहे हैं विवादास्पद बयान
पटना| केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री और बिहार के नवादा के सांसद गिरिराज सिंह की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ‘गोरे रंग’ पर टिप्पणी को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बैकफुट पर नजर आ रही है, वहीं विपक्ष भाजपा पर आक्रमण का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। गिरिराज विवादास्पद बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहे हैं।
गिरिराज ने बिहार के हाजीपुर में मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था, “यदि राजीव गांधी किसी नाइजीरियाई महिला से ब्याह किए होते और सोनिया की चमड़ी गोरे रंग की नहीं होती तो क्या तब भी कांग्रेस उन्हें अपना नेता स्वीकार कर लेती?”
अपनी इस रंगभेदी, नस्लभेदी टिप्पणी पर चौतरफा आलोचना झेलने के बाद गिरिराज ने बुधवार को इस पर खेद व्यक्त करते हुए कहा था, “अनौपचारिक बातचीत के दौरान कई तरह की बातें होती हैं। यदि मेरी टिप्पणियों से सोनिया जी या राहुल जी को ठेस पहुंची है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं।”
वैसे गिरिराज के विवादास्पद बयान का यह कोई पहला वाकया नहीं है। वह पहले भी ऐसे बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं।
पिछले वर्ष 18 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के माहौल में झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का विरोध कने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इस बयान को लेकर झारखंड और बिहार में जमकर हंगामा हुआ था।
इसके कुछ ही दिन बाद 13 मई, 2014 को गिररिराज ने पटना में कहा था, “नरेंद्र मोदी को कुछ लोग रोकने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी को रोकने की कोशिश करने वालों की राजनीति का मक्का मदीना पाकिस्तान में है। ऐसे लोग पाकिस्तान और आतंकवाद परस्त हैं और इनकी जगह पाकिस्तान में होनी चाहिए।”
नवंबर, 2014 में गिरिराज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘देहाती औरत’ कह दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि नीतीश, नरेंद्र मोदी से जलते हैं और देहाती औरतों जैसा बर्ताव कर रहे हैं।
मोदी सरकार के इस मंत्री के कई और बयान बिहार की राजनीति को गर्म करते रहे हैं। पिछले वर्ष गिरिराज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘आतंकवादियों से प्यार करने वाला’ बताया था।
पिछले वर्ष 16 दिसंबर को उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला करते हुए कहा था, “आप के नेता रामायण के मारीच की तरह बहुरूपिए हैं, जो दोबारा दिल्ली के लोगों को ठगने निकले हैं।”
लगभग तीन साल पहले हिंसावादी नेता और रणवीर सेना प्रमुख बrोश्वर मुखिया को उन्होंने ‘महान गांधीवादी’ बताया था।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरिराज के खिलाफ बिहार और झारखंड के तीन थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। केंद्र में मंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद पटना में उनके घर चोरी हुई थी। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने उनका चोरी हुआ बैग बरामद कर लिया था।
मंत्री ने थाने में लिखया था कि बैग में 50,000 रुपये थे। लेकिन बरामद हुए उनके बैग से 1.14 करोड़ रुपये निकले थे। कुछ अमेरिकी डॉलर भी निकले थे। सवाल आज भी बरकरार है कि मोदी के मंत्री जी के बैग में इतनी रकम आखिर कहां से आई?
गिरिराज सिंह हमेशा से ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। वैसे कई मौकों पर अपने बयानों को लेकर उन्हें सफाई भी देनी पड़ी है और कई मौकों पर खेद भी जताना पड़ा है। गिरिराज के कई बयानों को लेकर भाजपा की भी किरकिरी हुई है। उनके ताजा बयान की नाइजीरियाई राजदूत ने भी निंदा की है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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