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बिजनेस

अगले वित्त वर्ष भारत की विकास दर 8 प्रतिशत संभव : विश्व बैंक

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वाशिंगटन। विश्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर अनुमान को बढ़ा कर आठ प्रतिशत कर दिया है और कहा है कि भारत एक ऐसे क्षेत्र में है जहां न केवल सर्वोच्च आर्थिक विस्तार हुआ है, बल्कि वह क्षेत्र सस्ते तेल से सर्वाधिक लाभान्वित भी होने वाला है। बैंक की दक्षिण एशिया आर्थिक फोरम रपट के मुताबिक, इस क्षेत्र में निर्यात सेक्टर लगातार चिंता का कारण बना हुआ है, और तेल आयात सस्ता होने से ईंधन सब्सिडी व्यवस्था में पूरी तरह बदलाव करना होगा। यह रपट साल में दो बार जारी की जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की सॉवरेन रेटिंग में बदलाव करने के बाद विश्व बैंक ने भारत की विकास दर के बारे में नया अनुमान जारी किया है। इससे पहले मूडीज ने भारत की रेटिंग स्थाई से बढ़ा कर सकारात्मक कर दी थी। एक अन्य प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत के स्थिर परिदृश्य को बरकरार रखा है। अमीर देशों के थिंक टैंक आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने भी भारत के आर्थिक विस्तार अनुमानों का समर्थन किया है।

विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख अर्थशास्त्री मार्टिन रामा के मुताबिक, “सस्ते तेल का लाभ दक्षिण एशिया द्वारा उठाया जाना अभी बाकी है। लेकिन यह स्वत: सरकार या उपभोक्ताओं के खातों में नहीं पहुंचेगा।” उन्होंने कहा कि सस्ता तेल ऊर्जा कीमतों को दोबारा तर्कसंगत बनाने, सब्सिडी के कारण पैदा वित्तीय बोझ घटाने और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देने का अवसर प्रदान करता है। विश्व बैंक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2015-16 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़ कर 7.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “वित्त वर्ष 2016-2018 के दौरान निवेश बढ़ कर 12 प्रतिशत होने की वजह से भारत की विकास दर 2017-18 में आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है।” रपट में कहा गया है कि भारत खपत आधारित विकास दर से अब निवेश आधारित विकास दर की ओर बढ़ रहा है, जबकि इसी दौरान चीन ठीक इसके विपरीत दिशा में जा रहा है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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