Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : नान घोटाले में रिकार्ड आवाज को साक्ष्य नहीं माना

Published

on

नान घोटाले,रायपुर,छत्तीसगढ़,नान घोटाले,अदालत,सत्र न्यायालय,नागरिक आपूर्ति निगम,न्यायाधीश एन.डी. तिगाला,रिकार्ड

Loading

रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाले के मामले में अदालत ने आरोपियों की रिकार्ड आवाज को साक्ष्य मानने से इंकार कर दिया है। अदालत का कहना है कि किसी आरोपी को स्वयं के बचाव में साक्ष्य एकत्रित एवं प्रस्तुत करने का दबाव नहीं बनाया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि कानून में रिकार्ड आवाज को साक्ष्य मानने का कोई प्रावधान नहीं है।

जिला एवं सत्र न्यायालय के लोक अभियोजक ताम्रकार ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एन.डी. तिगाला की अदालत में घोटाले संबंधी रिकार्ड आवाज को बतौर साक्ष्य पेश किया गया, जिसमें अदालत ने कानूनी प्रावधान नहीं होने और आवाज को नकली बनाकर प्रस्तुत करने के आधार को पुख्ता पाते हुए अपील खारिज कर दी है।  ताम्रकार के अनुसार, न्यायाधीश का कहना है कि चूंकि आडियो में किसी की भी आवाज को बनाकर पेश किया जा सकता है, इसलिए इस मामले में रिकार्ड आवाज पर्याप्त सबूत नहीं हो सकती है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि आरोपियों के बचाव के लिए साक्ष्य पेश करने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता है।

ज्ञात रहे कि नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने छापा मारकर तीन करोड़ रुपये से अधिक नगदी तथा करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की थी और 12 अधिकारियों, कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मारे गए छापे में कुछ अफसरों और कर्मचारियों के कार्यालय एवं निवास में बड़ी मात्रा में नगदी मिली थी तथा आय से अधिक संपत्ति का भी खुलासा हुआ था। इस छापे के बाद प्रमुख सचिव स्तर के एक अधिकारी सहित नान के एमडी को तत्काल पद से हटा दिया गया था। नान घोटाला मामले में 12 आरोपियों की रिमांड अवधि 14 मई को समाप्त हो रही है। इस संबंध में आरोपियों की ओर से रिकार्ड आवाज को साक्ष्य मानने का अनुरोध किया गया था।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending