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हेल्थ

दिल्ली में बांझपन जांच शिविर 28 मई को

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नई दिल्ली| महिलाओं में बांझपन की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने और नियमित स्वास्थ्य चेकअप के महत्व को उजागर करने के लिए फोर्टिस ब्लूम आईवीएफ सेंटर की ओर से 27, 28 व 29 मई को नि:शुल्क बांझपन जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। यहां के फोर्टिस लाफेम हॉस्पिटल में शिविर 11 से 5 बजे के बीच लगेगा, जहां कोई भी महिला नि:शुल्क परामर्श ले सकती है।

फोर्टिस लाफेम हॉस्पिटल के फोर्टिस ब्लूम आईवीएफ सेंटर में बांझपन विशेषज्ञ डॉ. हृषिकेश पाई ने बताया कि आजकल अधिकांश युवतियां अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, इसलिए शादी देर से करती हैं। इस कारण बांझपन बहुत ही सामान्य समस्या बन गई है।

उन्होंने कहा, “हॉर्मोन अंसतुलन, थायरॉइड, एंडोमिट्रियॉसिस, पीसीओएस, फिब्रॉयड, सिस्ट आदि महिलाओं में बांझपन के सामान्य कारण हैं, लेकिन अब मेडिकल साइंस में हुई तरक्की के द्वारा इन सब समस्याओं के बावजूद मातृत्व प्राप्त करना संभव हो गया है।”

डॉ. पाई ने बताया कि महिलाओं में जन्म के समय अंडाणुओं की संख्या एक से दो लाख और यौवनास्था तीन से पांच लाख हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अंडाणु कम होते जाते हैं। 32 वर्ष की उम्र के बाद गर्भधारण करने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है और 37 वर्ष के बाद इसमें तेजी से गिरावट आती है। रजोनिवृत्ति के समय, अंडाणुओं की संख्या गिरकर 1,000 तक आ जाती है और उसकी गुणवत्ता में भी गिरावट आती है।

डॉ. पाई के अनुसार, इसलिए यह आवश्यक है कि महिलाओं में जिस उम्र में प्रजनन की क्षमता है, उस उम्र में वे चिकित्सकों से परामर्श लें, ताकि समस्या की पहचान की जा सके और इसे नियंत्रण में लाया जा सके। जो कामकाजी महिलाएं प्रोफेशनल लाइफ की वजह से देर से परिवार बढ़ाना चाहती हैं, वे अपने अंडाणुओं को संरक्षित करवा सकती हैं।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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