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खेल-कूद

बेहतर कप्तान साबित होंगे कोहली : मैकग्राथ

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virat kohli

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मुंबई। दिग्गज आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ का मानना है कि आक्रामक स्वभाव के युवा भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में बिल्कुल सही हैं। मैकग्राथ ने यह भी कहा कि जब तक कोहली रन बनाते रहते हैं मैदान के अंदर और बाहर उनका आक्रामक रवैया टीम के लिए सकारात्मक साबित होगा।

आस्ट्रेलियाई युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए हार्डी के ब्रांड ऐम्बेसडर के तौर पर तीन भारतीय शहरों के दौरे पर आए मैकग्राथ ने कहा कि मेरे खयाल से यह सकारात्मक है। क्योंकि आप एक मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, जो अपने कदम पीछे न खींचता हो और जो उदाहरण पेश करते हुए अगवानी करता हो। मैकग्राथ ने कहा, “लेकिन आप ज्यादा आक्रामक भी नहीं होना चाहते और सीमारेखा नहीं लांघना चाहते। मेरे खयाल से कोहली ने खुद पर अच्छी तरह नियंत्रण करना सीख लिया है। मुझे उसका यह रवैया पसंद है। वह इसकी पूर्ति बल्ले से रन बनाकर कर सकता है। वह एक बेहद कुशल बल्लेबाज है। मेरे खयाल से भारत मजबूत हाथों में है और उनकी अगुवाई में आगे जाएगा।”

124 टेस्ट मैचों में 563 विकेट और 250 अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में 381 विकेट हासिल कर चुके मैकग्राथ एमआरएफ पेस फाउंडेशन से 2012 में बतौर कोच जुड़े। वरुण एरॉन, मोहम्मद समी, मोहित शर्मा, उमेश यादव और ईश्वर पांडेय जैसे भारतीय युवा गेंदबाजों पर मैकग्राथ ने कहा कि वह भारत की नई तेंज गेंदबाजों की पीढ़ी से प्रभावित हैं और उम्मीद करते हैं कि वे आगे भी शानदार प्रदर्शन जारी रखेंगे।
मैकग्राथ ने कहा कि वे जिस अंदाज में प्रदर्शन कर रहे हैं उससे मैं प्रभावित हूं। मेरा हमेशा से कहना है कि दक्षता से आप यहां तक पहुंचे हैं, लेकिन आपका रवैया ही आपको आगे तक ले जाएगा। इन युवा गेंदबाजों का रवैया शानदार है। वरुण 150 किमी प्रति घंटा के करीब गेंदबाजी कर रहा है और नई गेंद से स्विंग भी हासिल कर रहा है। मेरे खयाल से वरुण का भविष्य उज्ज वल है। डंकन फ्लेचर को बाहर किए जाने के बाद भारतीय टीम द्वारा नए कोच की तलाश पर मैकग्राथ ने कहा कि सभी सफल खिलाड़ी अच्छे कोच नहीं हो सकते और दुनिया की श्रेष्ठ टीमों को अपने देश से ही कोच नियुक्त करना चाहिए।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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