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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश : जमात नेता की मौत की सजा बरकरार

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ढाका,बांग्लादेश,सर्वोच्च न्यायालय,जमात-ए-इस्लामी,नेता अली अहसान मुहम्मद मुजाहिद,न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा

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ढाका | बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को 1971 के युद्ध अपराधों के लिए जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता अली अहसान मुहम्मद मुजाहिद की मौत की सजा बरकरार रखी है। इस फैसले से आक्रोशित पार्टी ने बुधवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की चार सदस्यीय पीठ ने अल-बदर के पूर्व कमांडर की मौत की सजा को बरकरार रखा। इसे स्वतंत्रता के लिए बांग्लादेश के संघर्ष को कुचलने के लिए पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था।

वेबसाइट ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ के मुताबिक, पार्टी के कार्यवाहक प्रमुख मकबूल अहमद ने बुधवार सुबह छह बजे से गुरुवार सुबह छह बजे तक देशव्यापी बंद का आह्वान किया। पार्टी की वेबसाइट पर मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि युद्ध अपराधों की चल रही सुनवाई सिर्फ एक तमाशा है और यह जमात को खत्म करने के सरकार के कदम का हिस्सा है। युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने 17 जुलाई, 2013 को मुजाहिद को बुद्धिजीवियों के नरसंहार और हिंदुओं के उत्पीड़न और हत्या में उनकी भागीदारी के लिए मौत की सजा सुनाई थी। जमात के महासचिव ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी और न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को मुजाहिद की मौत की सजा बरकरार रखी है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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