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प्रादेशिक

तेदेपा विधायक की जमानत पर सुनवाई शुक्रवार तक टली

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हैदराबाद, हैदराबाद उच्च न्यायालय,तेलुगू देशम पार्टी,विधायक ए. रेवंत रेड्डी

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हैदराबाद | हैदराबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायक ए. रेवंत रेड्डी की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। रेवंत रेड्डी नोट के बदले वोट मामले में आरोपी हैं। तेलंगाना की भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) ने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रपट के साथ जमानत याचिका के विरोध में अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

मामले में दो अन्य आरोपी सेबेस्तियन हैरी और उदय सिम्हा की जमानत याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी। रेवंत रेड्डी के एक वकील ने कहा कि एसीबी ने सोमवार तक का समय मांगा था, लेकिन न्यायाधीश ने उन्हें शुक्रवार तक अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए। एसीबी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस स्थिति में आरोपी को जमानत देने से मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में चौथा आरोपी जेरूसलम मथैया अभी फरार है और वह पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में छिपा हुआ है। एजेंसी ने अदालत से कहा कि मथैया की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ से एसीबी को मामले को सुलझाने में मदद मिलेगी।

वहीं दिन में शाम के समय मथैया की याचिका पर भी सुनवाई होगी। मथैया ने प्राथमिकी में से अपना नाम हटाने के लिए याचिका दायर की है। तेलंगाना विधानसभा में तेदेपा सदस्य रेवंत रेड्डी को 31 मई को एसीबी ने उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए मनोनीत विधायक स्टीफन्सन को 50 लाख रुपये के रिश्वत की पेशकश की। एसीबी ने स्टीफन्सन की शिकायत पर जाल बिछाया था। इसने रेवंत के सहयोगियों सेबेस्तियन हैरी और उदय सिन्हा को भी गिरफ्तार किया है। यह पूरा मामला कैमरे में कैद है। एफएसएल वीडियो, ऑडियो टेप और आरोपी के फोन की जांच कर रही है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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