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प्रादेशिक

ममता के लंदन दौरे पर बाबुल सुप्रियो ने उठाए सवाल

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ब्रिटेन दौरे से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को उनके दौरे पर सवाल उठाया और राज्य में अनुकूल औद्योगिक माहौल की कमी पर दुख जाहिर किया। शहरी विकास राज्य मंत्री सुप्रियो ने कहा, “लोग उनके सिंगापुर दौर से मिलने वाले लाभ का अभी भी इंतजार कर रहे हैं, वह अब 100 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ लंदन जा रही है, जो कि राजकोष पर निर्थक भार है। जब राज्य के लोग असंतुष्ट हैं तो फिर विदेश दौरे का क्या मतलब है।”

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के कर्मचारियों को 49 फीसदी महंगाई भत्ता अभी भी नहीं मिला और लोगों में असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए जब बंगाल के लोग ही संतुष्ट नहीं तो, फिर कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि विदेशी यहां निवेश करेंगे।” आसनसोल से सांसद सुप्र्रियो ने कहा कि राजनीतिक छल-कपट ने पूर्वी राज्यों, विशेषकर बंगाल के विकास को रोक दिया है। उन्होंने कहा, “जमीनी स्तर पर काफी समस्या है, चाहे वह व्यवसायी संघ हो या फिर व्यवसाय में सरलता की कमी, यह वास्तव में बंगाल में निवेश को आने से रोक रहे हैं।”

सुप्रियो ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश का एक हिस्सा राजनीतिक छल-कपट के कारण वंचित रहा है। बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां बंद हुई हैं।” वहीं, अर्थशास्त्री और नीति आयोग के सदस्य विबेक देबरॉय ने भी इसी सुर में कहा कि सरकार को औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यह आमतौर पर कहा जाता है कि लक्ष्मी और सरस्वती कभी साथ नहीं रहती। लेकिन एक बार पश्चिम बंगाल में दोनों साथ रहती थीं। यह अलग सवाल है कि ये बंगाल से क्यों दूर हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इन्हें वापस लाया जा सकता है।”

सुप्रियो और देबरॉय ने ये बातें इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम के दौरान कही। बनर्जी की छह दिवसीय यात्रा के दौरान वित्त मंत्री अमित मित्रा, आईटीसी के अध्यक्ष वाई.सी.देवेश्वर सहित अन्य उद्योगपति भी उनके साथ होंगे। दौरे का फैसला ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन के न्योते पर किया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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