Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

आरटीआई दायर होने पर स्कूल ने छात्र को किया निष्कासित

Published

on

Loading

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले चौथी कक्षा के एक छात्र को स्कूल प्रबंधन ने महज इसलिए निष्कासित कर दिया गया कि उसकी दादी ने सूचनाधिकार (आरटीआई) के तहत अपने पोते की फीस से जुड़ी जानकारी मांगी। शिकायत मिलने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

यह मामला इटावा के बसरेहर थानाक्षेत्र के सरस्वती विद्या मंदिर (इंटर कालेज) का है। छात्र अमोघ पाठक की दादी ने आरटीआई दायर कर फीस संबंधी जानकारी मांगी थी। आरोप है कि इसी से नाराज होकर स्कूल प्रबंधन ने चौथी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को निकाल दिया। बच्चे को बीच सत्र में स्कूल से निकाले जाने से अभिभावक परेशान हैं। इधर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के ‘पिता का चरित्र’ ठीक नहीं है। इसलिए बच्चे को यहां पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

बच्चे की दादी ने बताया, “स्कूल प्रबंधन ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोर्ड की मान्यता हासिल की थी और बच्चों की फीस से जमा रकम का इस्तेमाल भी दूसरे कामों में किया जाता था। जिस दिन से मैंने आरटीआई से जानकारी मांगी, उस दिन से मेरे पोते को टारगेट किया जाने लगा और प्रबंधन ने उसे निकाल दिया।” कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रभु दयाल ने सफाई दी, “आरोप बेबुनियाद है। बच्चे के पिता हमारे यहां नौकरी करते थे। कई बार उनके चरित्र को लेकर सवाल उठे थे। इसलिए प्रबंधन ने उन्हें निकाल दिया। इस बारे में सूचना मांगी गई थी, जो स्कूल प्रबंधन ने जिला विद्यालय निरीक्षक के जरिए दे दिया है। इसके बाद भी बच्चे की दादी आए दिन इधर-उधर की जानकारियां मांग रही थीं। स्कूल का अनुशासन खराब न हो, इसलिए बच्चे का नाम काट दिया गया।”

इटावा के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवेंद्र प्रकाश का कहना है, “मुझे इस बारे में जानकारी मिली है। स्कूल मैनेजमेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही दो अधिकारियों की जांच समिति गठित कर मामले की जांच की जा रही है। आरटीआई के तहत जानकारी लेना सबका अधिकार है।”

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending