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प्रादेशिक

गुड़गांव जमीन सौदों की जांच का दायरा बढ़ाएगी हरियाणा सरकार

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चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने गुड़गांव की कुछ चुनिंदा जगहों की जमीनों पर आवासीय कालोनियां बनाने के लिए लाइसेंस देने के मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

मामले की जांच के लिए गठित ढींगरा आयोग अब गुड़गांव के चार गांवों में कॉलोनियों और व्यक्तियों को दिए गए सभी लाइसेंस की जांच करेगा। ये लाइसेंस हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दिए थे। ये चार गांव सिही, शिकोहपुर, खेड़की दौला और सिकंदरपुर बादा हैं। यहां अब गुड़गांव के सेक्टर 78 और 86 आबाद हैं।

हरियाणा कैबिनेट ने यह फैसला शनिवार को लिया। यह फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विदेशी निवेश को हरियाणा तक लाने के मकसद से अमेरिका और कनाडा की यात्रा पर जाने से पहले किया। मई में हरियाणा की भाजपा सरकार ने गुड़गांव के सेक्टर 83 में व्यावसायिक कॉलोनियां बनाने के लिए दिए गए लाइसेंसों की जांच का आदेश दिया था। इसके लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस.एन.ढींगरा के नेतृत्व में जांच आयोग बनाने का ऐलान किया गया था।

ढींगरा आयोग हुड्डा सरकार से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी और अन्य फर्मो को सेक्टर 83 में व्यावसायिक संपत्तियों के विकास के लिए दिए गए लाइसेंसों की भी जांच कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल में कहा था कि कॉलोनियां बनाने के लिए दिए गए लाइसेंस में कोई गड़बड़ी नहीं की गई थी। उन्होंने कहा था, “सभी कुछ कानून के मुताबिक किया गया। हमारी सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया।” आरोप है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने वाड्रा और कुछ अन्य को लाइसेंस देने में पक्षपात किया था। वाड्रा के मामले में कई लाइसेंस काफी कम अंतराल पर जारी किए गए थे।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा था कि वाड्रा की फर्म स्काइलाइट हॉस्पिटालिटी ने आर्थिक सलाहियत के मामले में जरूरी दस्तावेज नहीं सौंपे थे। इसके बावजूद उनकी फर्म को लाइसेंस दे दिया गया।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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