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अन्तर्राष्ट्रीय

सिख दंगा मामले में अमेरिकी अदालत में फैसला सुरक्षित

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न्यूयॉर्क| अमेरिका की एक अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है कि भारत की कांग्रेस पार्टी के खिलाफ 1984 का मानवाधिकार उल्लंघन का एक मामला संघीय अदालत के समक्ष जाना चाहिए या अमेरिका के साथ इसका कोई संबंध न होने के कारण इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए। अधिकार समूह ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ ने न्यूयॉर्क में दूसरी अपीली सर्किट अदालत के समक्ष दलील दी कि अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के तहत पीड़ितों के सर्वोच्च न्यायालय में दावा करने पर प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि कैलिफोर्निया संघीय न्यायालय पहले से ही उन्हें शरणार्थियों का दर्जा दे चुका है।

अधिकार समूह ने कहा कि एसजेएफ के रुख के मुद्दे पर संघीय कानून, मानवाधिकार समूहों को इस बात का संस्थानिक आधार देता है कि वे अमेरिकी अदालतों द्वारा घोषणात्मक फैसलों की मांग करें।

इस मामले में एसएफजे भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नवंबर 1984 में सिख समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा को नरसंहार घोषित करने की मांग कर रहा है।

कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दायर इस मुकदमे में 1984 के दंगों के मृतकों के कानूनी वारिसों को मुआवजा देने की मांग की जा रही है।

अमेरिका की जिला अदालत के न्यायधीश रॉबर्ट डब्ल्यू. स्वीट ने मामले का अमेरिका से पर्याप्त संबंध नहीं दिखने के कारण 24 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दायर ‘1984 अधिकार उल्लंघन’ का मुकदमा खारिज कर दिया था।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि एक कॉरपोरट प्रतिवादी ‘एलियन टोर्ट्स अधिनियम’ के तहत उत्तरदायी हो सकता है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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