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खेल-कूद

आईसीसी टेस्ट में अलग रंग की गेंद आजमाने पर कर रही विचार

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दुबई। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सोमवार को कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट में भिन्न-भिन्न रंगों की गेंद आजमाने पर विचार कर रही है। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहली बार होने जा रहे दिन-रात के टेस्ट मैच में गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन दोनों देशों के बीच दिन में होने वाले टेस्ट मैचों में लाल रंग की ही गेंद से खेल होगा।

दिन-रात के मैच में कृत्रिम रोशनी में खेलते हुए लाल रंग की गेंद दिखने में परेशानी हो सकती है, जैसा कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच अबु धाबी में ड्रॉ रहे पहले टेस्ट के दौरान हुआ। इसीलिए आईसीसी अन्य रंगों की गेंद आजमाने पर विचार कर रही है। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन ने समाचार चैनल बीबीसी से कहा, “ऐसा हो सकता है कि हम टेस्ट प्रारूप में किसी दूसरे रंग की ही गेंद का इस्तेमाल करें।”

अभी दिन-रात के मैच में लाल रंग की गेंद से कैसे खेला जाए, इस संबंध में कोई नियम नहीं है। अंपायर खिलाड़ियों से मशविरा किए बगैर ही इसका फैसला लेते हैं, जैसा कि शनिवार को ड्रॉ पर समाप्त हुए अबु धाबी टेस्ट में इंग्लैंड ने कम रोशनी में लाल गेंद पर लक्ष्य के लिए 25 और रनों का पीछा करने से इनकार कर दिया।

रिचर्डसन ने कहा, “यह खेल के लिए आदर्श नहीं है। हम इसका हल कैसे निकालेंगे, मेरे पास अभी इसका उत्तर नहीं है। हम विभिन्न प्रणालियां अपना रहे हैं। हम एक नई गेंद, बिल्कुल नए रंग की गेंद विकसित करने को लेकर उम्मीदवान हैं। अभी हमने गुलाबी रंग की गेंद से खेलने का विकल्प रखा है।” रिचर्डसन ने कहा, “अगर हम दिन-रात के टेस्ट मैच में गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल कर सकते हैं, और खेल की गुणवत्ता अच्छी रहती है और यदि यह हर तरह की परिस्थिति में टीकी रहती है तो दीर्घकाल में हम किसी भिन्न रंग की गेंद को हमेशा के लिए टेस्ट क्रिकेट में अपना सकते हैं।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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