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हेल्थ

कम नींद से मधुमेह का खतरा

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न्यूयॉर्क| नींद ना आना या कम नींद लेने से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। यह एक गंभीर स्थिति है। शोधकतार्ओं ने कहा है कि नींद की कमी से इंसुलिन के प्रति शरीर संवेदना घट जाती है यानी इंसुलिन बनने की प्रक्रिया सुस्त हो जाती है, जिससे रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।

अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, और अध्ययन के मुख्य लेखक केनेथ राइट ने कहा, “हमने पाया कि जब लोग कम नींद लेते हैं तो वे उस समय जाग रहे होते हैं जब उन्हें सोना चाहिए।”

राइट ने बताया, “जब वह सुबह कुछ खाते हैं तो इससे उनके रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को नुकसान पहुंचाता है।”

शोधकतार्ओं ने अपने अध्ययन में स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया।

इनमें से आधे प्रतिभागी पांच दिनों तक रात के समय केवल पांच घंटे सोए थे और अपने नियमित कार्य किए थे।

उसके बाद उन्होंने पांच दिनों तक हरेक रात नौ घंटे नींद ली थी। बाकी आधे प्रतिभागियों ने विपरीत क्रम में नींद की शर्ते पूरी की।

रक्त परीक्षण के बाद पता चला कि जिन्होंने रात में केवल पांच घंटे नींद ली, उनमें इंसुलिन की संवेदनशीलता कम पाई गई। इसके कारण मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।

लेकिन जब वे रात को नौ घंटे सोते हैं, तो मौखिक इंसुलिन संवेदना सामान्य हो जाती है।

इसका निष्कर्ष यह निकला कि नींद की कमी के कारण मेटाबोलिक तनाव बढ़ता है। यह अध्ययन ‘करेंट बायोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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