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यूनिसेफ का जीका वायरस पर तत्काल प्रभाव से कदम उठाने का आह्वान
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने मंगलवार को जीका वायरस को फैलने से रोकने के लिए तुरंत प्रभाव से कदम उठाने में मदद करने का आह्वान किया। ब्राजील में नवजात बच्चों में तेजी से माइक्रोसेफेली के मामले सामने के पीछे इसी वायरस को संभावित कारण माना जा रहा है।
आपात स्वास्थ्य स्थितियों के लिए यूनिसेफ की वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार हीदर पपोविट्ज ने एक बयान में कहा, “हमें महिलाओं और गर्भवतियों को वह जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है, जो उनकी व उनके बच्चों की हिफाजत के लिए जरूरी है।”
उन्होंने कहा, “हमें इस बारे में समुदायों से बातचीत करने की जरूरत है कि उन मच्छरों को कैसे रोका जाए, जो इस वायरस के वाहक हैं और इसे फैला रहे हैं।”
यूनिसेफ के अनुसार, ब्राजील में 22 अक्टूबर, 2015 से 26 जनवरी, 2016 के बीच नवजात बच्चों में माइक्रोसेफेली के 4,000 से अधिक मामले सामने आए। जबकि वर्ष 2014 में पूरी दुनिया में इसके महज 147 मामले देखने को मिले थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को घोषणा की कि ब्राजील में माइक्रोसेफेली के मामलों का बढ़ना और सामने आए अन्य मस्तिष्क संबंधी विकार अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातस्थिति के रूप में खड़े हैं।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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