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अन्तर्राष्ट्रीय

‘जेएनयू के विद्यार्थियों को भारत-विरोधी कहना कलंक’

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जेएनयू के विद्यार्थी, भारत-विरोधी कहना कलंक, 'द न्यूज इंटरनेशनल' समाचारपत्र, शाइनिंग इंडिया मत का प्रचार नहीं

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इस्लामाबाद| भारत के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)में विरोध-प्रदर्शनों पर आई प्रतिक्रिया ने इस देश का असली चेहरा सामने ला दिया है और यह ‘शाइनिंग इंडिया’ मत का प्रचार नहीं है। यह बात शुक्रवार को पाकिस्तान के एक दैनिक समाचारपत्र ने अपने संपादकीय में कही। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ समाचारपत्र ने अपने संपादकीय ‘भारत में फासीवादी लड़ाई’ में कहा कि जेएनयू में हुए विरोध-प्रदर्शन पर उमड़ी प्रतिक्रिया ने आज के भारत का असली चेहरा दिखाया है। यह उस शाइनिंग इंडिया मत का प्रचार नहीं है, जिसके बारे में हमने इतना सुना है। जेएनयू के साहसी विद्यार्थियों को भारत-विरोधी करार देना एक कलंक है।’

संपादकीय में कहा गया, “पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से बदसलूकी की और छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद उन्होंने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को गोमांस खाते देखा था और बताया कि वे दो सालों से विद्यार्थियों पर नजर रख रहे थे।” कहा गया, “उसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को भारत विरोधी बताया और यह जानने कि कोशिश की कि वे पाकिस्तान से तो जुड़े नहीं हुए हैं। पहले कहा गया कि इस विरोध-प्रदर्शन के पीछे हाफिज सईद है और अब जेएनयू के पीएचडी के छात्र उमर खालिद पर पाकिस्तानी आतंकवादी समूह का हिस्सा होने का आरोप लगा रहे हैं।” समाचारपत्र ने कहा कि ‘जेएनयू के बहादुर विद्यार्थियों को भारत विरोधी कहना कलंक है।’

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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