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आध्यात्म

एक हजार दिव्य वर्ष में भी ब्रह्मा नहीं पता लगा पाए भगवान का

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एक हजार दिव्‍य वर्ष, योगशक्ति, ब्रह्मा

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एक हजार वर्ष तक योगशक्ति के द्वारा पता लगाने का प्रयत्न किया ब्रह्मा ने। एक हजार दिव्य वर्ष। दिव्य वर्ष क्या होता है? उनका चौबीस घंटा हमारा एक साल। उनकी छः महीने की रात होती है, छः महीने का दिन होता है। यानी तीन लाख, साठ हजार वर्ष का, एक हजार दिव्य वर्ष। बारह सौ वर्ष का (चार लाख बत्तीस हजार वर्ष) कलियुग और चौबीस सौ वर्ष का यानी उसका दुगुना द्वापर, छत्तीस सौ वर्ष का त्रेता, अड़तालीस सौ वर्ष का सतयुग यानी 43,20,000 वर्ष का, हम लोगों के अनुसार चार युग होता है।

बारह हजार दिव्य वर्ष का चार युग होता है और ब्रह्मा का एक दिन- मैंने बताया था एक दिन, चार अरब, उन्‍तीस करोड़, चालीस लाख, अस्‍सी हजार वर्ष हम लोगों का और एक करोड़ बीस लाख दिव्‍य वर्ष देवताओं का। यानी दो करोड़ चालीस लाख, दिव्य वर्ष का ब्रह्मा का एक दिन, चौबीस घंटे होता है। उस हिसाब से ब्रह्मा की उमर सौ वर्ष की है। तीन हजार एक सौ दस खरब और बीस अरब वर्ष का ब्रह्मा का आयु काल है। उसके बाद प्रलय हो जाता है। तो एक हजार वर्ष तक ब्रह्मा ने पता लगाने का प्रयत्न किया, नहीं लगा सका-

नाहं न यूयं यदृतां गतिं विदुर्न वामदेवः किमुतापरे सुराः।

(भाग. 2-6-36)

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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