मुख्य समाचार
MP Board 2017: छोटे शहरों के छात्रों का बड़ा कमाल, यहां क्लिक कर जानें रिजल्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित 10वीं व 12वीं के नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। इस बार के नतीजों में छोटे शहरों के बच्चों ने बड़ा कमाल कर दिखाया है और प्रावीण्य सूचियों में छाए हुए हैं। हाईस्कूल परीक्षा में डबरा के देव प्रकाश मांझी और हाइयर सेकेंडरी में टीकमगढ़ के संयम जैन ने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेधावी छात्रों को प्रशस्ति और पदक देकर सम्मानित किया। एमपीरिजल्ट्स डॉट निक डॉट इन (mpresults.nic.in) पर क्लिक कर सभी छात्रों का परीक्षा परिणाम जाना जा सकता है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में हाईस्कूल के नियमित छात्रों का परीक्षा परिणाम 49.86 प्रतिशत रहा, जिसमें छात्राओं का प्रतिशत 51.43 और छात्रों का 48.53 रहा। वहीं स्वाध्यायी छात्रों का परीक्षा परिणाम 10.52 प्रतिशत रहा। हाईस्कूल की प्रावीण्य सूची में कुल 58 छात्र है, जिनमें से 53 छात्र छोटे शहरों और कस्बों से आते हैं।
हाइयर सेकेंडरी परीक्षा में नियमित छात्रों का परिणाम 67.87 प्रतिशत रहा। इसमें भी छात्राएं छात्रों के मुकाबले आगे रही। छात्राओं का परीक्षाफल 72.38 और छात्रों का 64.16 प्रतिशत रहा। वहीं स्वाध्यायी छात्र 26.62 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए। वहीं प्रावीण्य सूची में 118 बच्चों ने स्थान पाया है, जिसमें 88 छात्र छोटे श्शहर और कस्बों के है।
हाइयर सेकेंडरी की मेधा सूची में कुल 118 छात्रों ने स्थान पाया है, जिसमें सबसे ऊपर टीकमगढ़ के संयम जैन रहे, जिन्होंने 500 में से 485 अंक हासिल किए, वहीं हाईस्कूल की मेधा सूची में 58 छात्र हैं। सबसे ज्यादा अंक 600 में से 587 अंक डबरा के देव प्रकाश मांझी ने हासिल किए।
मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार की सुबह प्रदेशभर से मेधावी छात्र पहुंचे। इन छात्रों पर मुख्यमंत्री शिवराज ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न संकायों की मेधा सूची में आए छात्रों को पदक प्रदान कर सम्मानित किया।
हाइयर सेकेंडरी की कला समूह की मेधा सूची जारी की गई है, उसमें सीधी की अनुष्का जौहरी अव्वल रहीं। इस सूची में कुल 10 छात्रों के नाम हैं, जो सभी छोटे शहरों- छतरपुर, सिंगरौली, दमोह, राजगढ़, शहडोड आदि स्थानों से हैं।
विज्ञान (गणित) की मेधा सूची में टीकमगढ़ से संयम जैन ने बाजी मारी है। इसमें कुल 51 छात्र हैं, क्योंकि 10 की मेधा सूची में कई स्थान पर एक से ज्यादा छात्रों के समान नंबर आए हैं। 51 छात्रों में 41 छोटे शहरों से हैं।
मंडल की मेधा सूची के वाणिज्य संकाय में इंदौर की वंशिका आंगीवाल ने सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। वहीं छह छोटे शहरों और 17 बड़े शहरों के बच्चों ने इस सूची में स्थान पाया है।
कृषि समूह की मेधा सूची में टीकमगढ़ के नितिन खरे टॉपर रहे, वहीं 11 की मेधा सूची में सभी छात्र छोटे शहरों के हैं। ललित कला और गृह विज्ञान में सीधी जिले की शांति गुप्ता अव्वल रहीं। इस सूची में तीनों स्थानों पर छोटे शहरों के छात्रों के नाम हैं।
विज्ञान (जीव) समूह में होशंगाबाद की राखी साहू ने बाजी मारी। इस मेधी सूची में कुल 20 नाम हैं, जिसमें 10 छात्र छोटे शहरों से हैं। राज्य में यह पहला मौका है, जब हाईस्कूल व हाइयर सेकेंडरी के नतीजे एक साथ घोषित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार भी बालिकाओं ने बालकों के मुकाबले बाजी मारी है, छोटे शहरों के छात्र बड़ी संख्या में मेधा सूची में आए हैं। सरकारी विद्यालयों के नतीजे निजी विद्यालयों से बेहतर रहे।
इस समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री विजय शाह, राज्यमंत्री दीपक जोशी, मंडल के चेयरमैन एस.आर. मोहंती भी उपस्थित हुए। इस वर्ष 10वीं व 12वीं की परीक्षा में कुल 18 लाख 68 हजार विद्यार्थी शामिल हुए। 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सात लाख 12 हजार और 10वीं की परीक्षा में 11 लाख 56 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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