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मुख्य समाचार

आखिर कब मिलेगा नमन वर्मा को इंसाफ?

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समाजवादी पार्टी की सरकार, कानून-व्‍यवस्‍था लचर, बहुचर्चित नमन वर्मा हत्‍याकांड, लखनऊ पुलिस, एएसपी ट्रांसगोमती जयप्रकाश

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लखनऊ। वैसे तो समाजवादी पार्टी की सरकार में हमेशा से ही कानून-व्‍यवस्‍था लचर रही है लेकिन राजधानी लखनऊ में होने वाली किसी भी बड़ी वारदात पर सरकार की घेराबंदी राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता करती है। इसी क्रम में पुलिस-प्रशासन व आमजन को झकझोर देने वाले बहुचर्चित नमन वर्मा हत्‍याकांड में लगभग चालीस दिन बीत जाने के बाद भी राजधानी पुलिस के हाथ खाली हैं। स्‍मार्ट व तकनीकी रूप से दक्ष पुलिसिंग की संज्ञा देकर अक्‍सर खुद अपनी ही पीठ थपथपाने वाली लखनऊ पुलिस नमन वर्मा हत्‍याकांड में अभी भी अंधेरे में ही तीर चला रही है।

गौरतलब है कि स्‍थानीय होटल रेनेसां में असिसटेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत नमन वर्मा की बीते की 18 नवंबर की रात लगभग दस बजे अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्‍या कर दी थी। मीडिया सहित पुलिस प्रशासन व आमजन को हिला देने वाले इस हत्‍याकांड से लखनऊ वासी हतप्रभ थे क्‍योंकि नमन वर्मा एक सीधा-सादा नौजवान था जिसके शराफत के सभी कायल थे। लखनऊ के आम नागरिकों ने इस हत्‍याकांड से स्‍वयं को जोड़ते हुए नमन वर्मा को इंसाफ दिलाने सड़कों पर भी उतरे लेकिन नतीजा अभी तक सिफर ही रहा। इस संबंध में नमन के माता-पिता का कहना है कि हमारा बेटा तो चला गया लेकिन यदि हम उसके हत्‍यारों को सजा भी नहीं दिला पाए तो हमारा जीना व्‍यर्थ है।

मामले पर जब एएसपी ट्रांसगोमती जयप्रकाश से बात की गई तो उनका कहना था कि यह एक ब्‍लाइंड केस है जिसमें कोई संदिग्‍ध भी नामजद नहीं है और न ही घटना का कोई उद्देश्‍य पता चल रहा है, फिर भी हमारी कई टीमें हर एंगिल पर जांच कर रही हैं। हम नमन के पूर्व कार्यस्‍थलों से लेकर उसकी पढ़ाई के दौरान की गतिविधियों की भी पड़ताल कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि इसी क्रम में हमारी एक टीम लुधियाना भी गई थी जहां से काफी जानकारी मिली है, उम्‍मीद है कि हम जल्‍द ही किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे। पुलिस किस नतीजे पर और कब पहुंचती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन नमन के माता-पिता और परिजनों को इंतजार है तो उसके हत्‍यारों को कानून के शिंकजें में आने का।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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